जीएसटी संग्रह में निरंतर वृद्धि दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है

नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह में सुधार हुआ है। नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 1.42 प्रतिशत अधिक रहा। 

स्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह नंवबर महीने में लगातार दूसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। जीएसटी संग्रह के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाते हैं। जानकारों के अनुसार त्योहारी मांग की वजह से जीएसटी संग्रह बढ़ा है और अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी से लगता है कि आगामी महीनों में भी इसमें तेजी बनी रहेगी।

नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह में सुधार हुआ है। नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 1.42 प्रतिशत अधिक रहा। 

मुआवजा उपकर संग्रह नवंबर महीने में बढ़कर 8,011 करोड़ रुपये रहा। नवंबर महीने में कुल 81 लाख जीएसटीआर-3 बी रिटर्न भरे गए, जबकि अक्टूबर में 80 लाख रिटर्न भरे गए थे। जीएसटी रिटर्न की संख्या बढऩा उत्साहजनक है, जिससे संकेत मिलता है कि अनुपालन स्तर बढ़ रहा है। 

इससे जीएसटी संग्रह में इजाफा होने का भी संकेत मिलता है। नवंबर महीने में आयातित वस्तुओं से होने वाली आय में 4.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और घरेलू लेनदेन से होने वाली आय सालाना आधार पर 0.5 प्रतिशत बढ़ी है।

साभार : Business Line

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अक्टूबर महीने के लिये क्षेत्रवार ऋण वृद्धि का जारी आंकड़ा भी उत्साहजनक है। इसके अनुसार उद्योग को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में ऋण वृद्धि दर में बढ़ोतरी हुई है. हालाँकि, यह वृद्धि पिछले साल के सितंबर महीने से कम है, लेकिन तालाबंदी के नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए इन आंकड़ों को सकारात्मक माना जा सकता है। 

सबसे अधिक ऋण वृद्धि वैयक्तिक ऋण क्षेत्र में हुआ है। फरवरी 2020 में 348 बिलियन के ऋण वृद्धि से ज्यादा ऋण वृद्धि अक्टूबर  महीने में हुई है। गृह, वाहन और दूसरे वैयक्तिक ऋण की भी मांग बढ़ रही है। उपभोक्ता टिकाऊ ऋण क्षेत्र में सितंबर महीने तक नकारात्मक वृद्धि हुई थी, इसमें भी अक्टूबर महीने में 22844 करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। 

सभी अनुसूचित व्यावसायिक बैंक की वृद्धिशील ऋण वृद्धि नवंबर महीने में सकारात्मक रही है। इसमें वाईटीडी के आधार पर 0.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। उम्मीद है कि फॉरवर्ड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की मदद से ऋण वितरण में और भी वृद्धि होगी। बैंकों ने अभी तक 2.03 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं, जिसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण इस योजना के तहत अक्टूबर महीने तक में किये गये हैं।   

ऑटो सेक्टर में भी अक्टूबर महीने में कंपनियों की बिक्री बढ़ी है। एक्स्कार्ट्स की ट्रैक्टर बिक्री नवंबर महीने में 33 प्रतिशत बढ़कर 10,165 हो गया। पिछले साल कंपनी ने 7,642 ट्रैक्टर बेचे थे। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने नवंबर महीने में ट्रैक्टर सहित कुल 42,731 गाडियाँ बेचीं। कंपनी की कुल ट्रैक्टर बिक्री 32,726 रही है। 

टाटा मोटर्स ने भी नवंबर महीने में गाड़ियों की शानदार  बिक्री की है। कार की बिक्री 108 प्रतिशत बढ़ी है। टाटा मोटर्स ने नवंबर महीने में 21,600 कारें बेचीं, जबकि नवंबर 2019 में बेची गई कारें 10,400 थीं। इस तरह, यह वृद्धि पिछले साल के मुक़ाबले दोगुनी है। ऑटो कंपनी किया और टीकेएम की कार बिक्री भी नवंबर महीने में जबर्दस्त बढ़ी है।   

अर्थव्यवस्था में आ रही बेहतरी को देखते हुए सरकार कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित 8 क्षेत्रों, जैसे, होटल, जेम्स एंड ज्वेलरी, टूर एंड ट्रेवल, सीमेंट, फर्नीचर आदि को राहत देने की योजना बना रही है। 

इस योजना के तहत इन्हें लाइसेंस के नवीनीकरण से फिलहाल राहत दी जा सकती है। इसके अलावा, कंपनियों को सरकारी अधिकारियों द्वारा समय-समय किये जाने वाले निरीक्षण से भी छूट देने का प्रस्ताव है। आशा है, सरकार के प्रयासों से देश में कारोबार की दशा और दिशा में और भी बेहतरी आयेगी।

(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसंधान विभाग में कार्यरत हैं। आर्थिक मामलों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)