सरकार की नीतियों से सुधर रही टेलिकॉम सेक्टर की दशा, दो साल में पैदा हुए डेढ़ लाख से अधिक रोजगार!

विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है। चीन जैसे विकसित देश समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गयी है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर है, बल्कि तेज गति से आगे बढ़ रही है। गौरतलब है कि पिछली सरकार की अपेक्षा मोदी सरकार ने न केवल कई नई और प्रभावी योजनायें लायी हैं, बल्कि मजबूत भरोसे के साथ निवेशकों को नियम और कायदों के मकड़जाल से मुक्ति दिलाई और एक पारदर्शिता के तहत निवेश हेतु आमंत्रित किया, जिसके फलस्वरूप अर्थव्यवस्था को तीव्र गति मिली और निवेशक भारत में निवेश करने को आतुर है। जाहिर है कि अर्थव्यवस्था को गति देने में टेलिकॉम सेक्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन पिछली सरकार के समय यह टेलिकॉम सेक्टर सिर्फ घोटालों और भ्रष्टाचार की वजह से रसातल में चला गया था और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। 2जी घोटाले से लगाए स्पेक्ट्रमों की नीलामी में भारी अनियमितता की बानगी सभी ने देखी। इस महकमे की छवि पर ये सभी एक भद्दे दाग के समान थीं। यह सब यूपीए सरकार की कुनीतियों और बदनीयती का परिणाम था, किन्तु अब स्थितियां बदल रहीं हैं। निज़ाम के बदलने के बाद से इसकी छवि एक तेज़ गति से काम करने वाले मंत्रालयों में होने लगी है। बदलते समय के साथ पिछली सरकार की अपेक्षा इस सरकार को केंद्र में रखकर मुल्यांकन करें तो स्थिति सुखद मालूम पड़ती है। 2 सालों के बाद टेलिकॉम सेक्टर पर ध्यान दें तो निश्चित रूप से महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

पिछले एक वर्ष में 37 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने भारत में अपने प्लांट लगाये हैं। जिससे प्रत्यक्ष रूप से 40,000 और अप्रत्यक्ष रूप से 1.25 लाख रोज़गार पैदा हुए हैं। इन कंपनियों में चीन की जिओनी, ज़ायोमी के अलावा स्वदेशी कंपनियों में लावा, माईक्रोमैक्स, कार्बोन, इंटेक्स,जीवी आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एप्पल, एचटीसी, आसुस ने भी प्लांट लगाने में दिलचस्पी दिखाई है। उल्लेखनीय होगा कि ये सब प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया योजना के तहत हुआ है।

आंकड़ों पर गौर करें तो मोदी सरकार द्वारा कराई गयी स्पेक्ट्रम नीलामी में अब तक की सबसे अधिक धनराशि 1,10,000 करोड़ रूपए एकत्रित हुए हैं। गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में 37 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने भारत में अपने प्लांट लगाये हैं। जिससे प्रत्यक्ष रूप से 40,000 और अप्रत्यक्ष रूप से 1.25 लाख रोज़गार पैदा हुए हैं। इन कंपनियों में चीन की जिओनी, ज़ायोमी के अलावा स्वदेशी कंपनियों में लावा, माईक्रोमैक्स, कार्बोन, इंटेक्स,जीवी आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एप्पल, एचटीसी, आसुस ने भी प्लांट लगाने में दिलचस्पी दिखाई है। उल्लेखनीय होगा कि ये सब प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया योजना के तहत हुआ है।

मोदी सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर में विकास को गति देने के इरादे से कई महत्वपूर्ण फैसले किये हैं। जिसकी बदौलत आज बीएसएनएल पिछले 7 वर्षों में पहली बार 672 करोड़ रूपए के मुनाफे पर है। ज्ञात हो कि यूपीए के पिछले दस सालों के कार्यकाल में बीएसएनएल 8,000 करोड़ रूपए के भारी घाटे में चला गया था।

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बहरहाल, मोदी सरकार टेलिकॉम सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए और ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा करने के लिए डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया जैसी योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। टेलिकॉम सेक्टर में नौकरियां बढ़ाने के लिए सरकार ने कौशल विकास पर भी बल दिया है। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और ग्रामीण इलाकों को इन्टरनेट से जोड़ने के लिए मोदी सरकार ने बीएसएनएल की पोस्ट डेटा सेवा की स्पीड बढ़ाकर 1mbps कर दी है। इससे पहले अगस्त 2014 में यह 512kbps थी। इसके अतिरिक्त बीएसएनएल द्वारा देश में 2,000 वाईफाई हॉटस्पॉट लगाये जा चुके हैं और 40,000 और लगाये जाने हैं। इन सबसे एक बात तो साफ़ है कि सरकार की नीतियों का निश्चित तौर पर सकारात्मक प्रभाव टेलिकॉम क्षेत्र पर पड़ेगा। इसी कड़ी में टेलिकॉम सेक्टर में अब तक का सबसे ज्यादा एफडीआई 27,000 करोड़ रूपए दर्ज किया जाना भी महत्वपूर्ण है और अगर स्वदेशी कंपनियों को भी इसमें जोड़ दें तो कुल 1,20,000 करोड़ रूपए के पूंजी निवेश अब तक हो चुके हैं।

मोदी सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य है कि गवर्नेंस आम जनता के हाथ में हो और यह जन-धन, आधार और मोबाइल फ़ोन के द्वारा ही संभव है। साथ ही रविशंकर प्रसाद ने यह भी बताया कि हमारा लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है कि भारत इस समय पूरे विश्व में कारोबार की दृष्टि से सबसे अग्रिम देश है। इन सब के पश्चात् स्पष्ट है कि सरकार ने एक कुशल नीति व पारदर्शिता के साथ टेलिकॉम मंत्रालय के सभी सेक्टरों को दुरुस्त करने में कामयाबी हासिल की है। निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि मोदी सरकार की सही नीतियों से अब टेलिकॉम सेक्टर की दशा सुधरने लगी है।

(लेखक पत्रकारिता के छात्र हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)