टीकाकरण का एक वर्ष : मोदी सरकार की मजबूत संकल्प शक्ति से ही पूरा हुआ असंभव जैसा लक्ष्‍य

कोरोना महामारी के खिलाफ देश में 16 जनवरी 2021 को टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। पिछले एक वर्ष के दौरान टीके की करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है जबकि करीब 70 प्रतिशत वयस्‍कों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। 

दुनिया में जब वैश्‍विक महामारी कोरोना का आगाज हुआ था तभी से विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे थे कि कोरोना वायरस भारत में बहुत बड़ी तबाही लाएगा। सबसे बड़ी चेतावनी गांवों को लेकर जारी की गई थी जहां जिला अस्‍पतालों तक की हालत बदतर थी। देखा जाए तो विशेषज्ञों की चेतावनियां आधारहीन नहीं थीं क्योंकि आजादी के बाद से ही देश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं विकसित करने की ओर ध्‍यान नहीं दिया गया। सत्‍ता पक्ष से जुड़े आयातकों-बिचौलियों की ताकतवर लॉबी ने चिकित्‍सा उपकरणों, दवाइयों, ऑक्‍सीमीटर, कंसट्रेटर, ऑक्‍सीजन सिलेंडर, मास्‍क-सैनिटाइजर आदि के घरेलू उत्पादन को हतोत्साहित किया।

इन नकारात्‍मक परिस्‍थितियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत ने कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए रक्षक के रूप में काम किया। सरकार ने न सिर्फ अपने 135 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस से बचाया बल्‍कि दुनिया भर के देशों को कारेाना संक्रमण के इलाज में प्रयोग होने वाली आवश्‍यक दवाईयां, ऑक्‍सीमीटर, कंसट्रेटर, ऑक्‍सीजन सिलेंडर, मास्‍क-सैनिटाइजर आदि उपलब्‍ध कराया। मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्‍धि टीकाकरण को लेकर रही।

साभार : Moneycontrol

कोरोना महामारी के खिलाफ देश में 16 जनवरी 2021 को टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। पिछले एक वर्ष के दौरान टीके की करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है जबकि करीब 70 प्रतिशत वयस्‍कों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। 

देश का वैक्‍सीनेशन अभियान दुनिया के सबसे तेज टीकाकरण अभियानों में से एक है। एक मार्च 2021 से 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के टीकाकरण की शुरूआत हुई थी। इस दौरान 45-60 आयु वर्ग के उन लोगों को टीका लगाया गया जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी। एक अप्रैल 2021 से 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के वैक्‍सीनेशन की शुरूआत हुई।

1 मई 2021 से 18 साल से अधिक के वयस्‍कों को वैक्‍सीनेट किया जाने लगा। तीन जनवरी 2022 से 15-18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण शुरू हुआ। अब तक साढ़े तीन करोड़ से अधिक किशोर-किशोरियों को टीका लग चुका है। 10 जनवरी 2022 से फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्‍टर डोज देने की शुरूआत हो चुकी है।

वैक्‍सीनेशन कार्यक्रम के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि हमारे टीकाकरण कार्यक्रम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में काफी ताकत जोड़ दी है। इसने जीवन को बचाने और इस प्रकार आजीविका की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है।

जब कोविड-19 महामारी पहली बार आई थी, तब हमें वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। हालांकि, हमारे वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों ने टीके विकसित करने में खुद को झोंक दिया। भारत इस बात पर गर्व महसूस करता है कि हमारा देश टीकों के माध्यम से महामारी से लड़ने में योगदान देने में सक्षम है। 

विदेश मंत्रालय के अनुसार 31 दिसंबर 2021 तक भारत ने दुनिया के 97 देशों को कोरोना रोधी वैक्‍सीन की 11.54 करोड़ डोज उपलब्‍ध कराया। अपने पड़ोसी देशों और दुनिया भर के गरीब देशों के वैक्‍सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत ने अनुदान के रूप में वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराई।

इसके अलावा कई देशों को वैक्‍सीन की बिक्री भी की गई। इतना ही नहीं भारत ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के कोवैक्‍स कार्यक्रम के लिए भी टीके उपलब्‍ध कराकर एक जिम्‍मेदार राष्‍ट्र की भूमिका निभाई।

कोरोना वायरस के विरूद्ध भारत के सफल अभियान को देखते हुए यह बात प्रमाणित हो जाती है कि सशक्‍त नेतृत्‍व, प्रभावी निगरानी प्रणाली तथा हर स्‍तर पर जवाबदेही सुनिश्‍चित करके असंभव से लक्ष्‍य को भी समय से पहले हासिल किया जा सकता है।

हर गांव तक बिजली पहुंचाने से लेकर करोड़ों लोगों की बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच बनाने और उनके बैंक खातों में बिचौलिया विहीन नकद अंतरण की व्‍यवस्‍था भी 2014 तक असंभव मानी जाती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असंभव से लगने वाले लक्ष्य को सरलता से हासिल कर लिया।

(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)