पीओके पर भारत के कड़े रवैये से थरथराता पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत कभी पीओके की ओर नजर उठा कर देखेगा भी। इसी का नतीजा है कि जैसे ही भारतीय मौसम विभाग ने पाकिस्‍तान के गिलगिट, मुजफ्फराबाद, मीरपुर का तापमान बताना शुरू किया वैसे ही पाकिस्‍तान की नींद हराम हो गई।

एक वक्‍त था जब पाकिस्‍तान भारत में जघन्‍य हत्‍याकांड, बम विस्‍फोट, आतंकी हमले कराकर निश्‍चिंत होकर बैठा रहता था क्‍योंकि वह जानता था कि भारत आतंकवाद की कड़ी निंदा करने, शिमला समझौते का राग अलापने और कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है जैसे घिसे-पिटे बयानों से आगे की सोच भी नहीं पाएगा। पाकिस्‍तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत कभी पाक अधिकृत कश्‍मीर की ओर नजर उठा कर देखेगा भी। इसी का नतीजा है कि जैसे ही भारतीय मौसम विभाग ने पाकिस्‍तान के गिलगिट, मुजफ्फराबाद, मीरपुर का तापमान बताना शुरू किया वैसे ही पाकिस्‍तान की नींद हराम हो गई। 

दरअसल जम्‍मू-कश्‍मीर के हंदवाड़ा में आतकंवादियों साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल समेत पांच सैनिकों के शहीद होने के बाद पाकिस्‍तान भारत के संभावित जवाबी हमले से भयाक्रांत है। इसी बीच भारतीय मौसम विभाग द्वारा पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर का मौसम समाचार बताने से वह हिल गया। यही कारण है कि पाकिस्‍तान ने अपने लड़ाकू विमानों एफ-16 जेफ-17 के साथ पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। 

साभार : India Today

पाकिस्‍तान के थरथराने से स्‍पष्‍ट है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में अब भारत बदल चुका है। कांग्रेसी सरकारों की मुस्‍लिम तुष्टिकरण की नीतियों और कमजोर इच्छाशक्ति के कारण पाकिस्‍तान के प्रति सदैव रक्षात्‍मक रवैया अपनाने वाला भारत अब घर में घुस कर मारने का माद्दा रखता है। गौरतलब है कि 2008 में मुंबई के आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना पाकिस्‍तान के खिलाफ सर्जिकल स्‍ट्राइक के लिए तैयार थी लेकिन उसे यूपीए सरकार से अनुमति नहीं मिली। इसका कारण है कि यूपीए सरकार में पाकिस्‍तान परस्‍त नेताओं की भरमार थी। 

पाकिस्‍तान की थरथराहट को एक और उदाहरण से समझा जा सकता है। भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्‍त मेजर गौरव आर्या ने एक टीवी चैनल पर पाकिस्‍तान को इस तरह लताड़ा कि उसके होश ठिकाने आ गए। जो पाकिस्‍तान भारतीय नेताओं के आतंकवाद रोकने की अपील को अनसुना करने में महारत हासिल कर चुका था वही पाकिस्‍तान अब एक रिटायर्ड मेजर से कांप रहा है। मेजर ने पाकिस्‍तानी सेना द्वारा बलूचों के खून बहाने की बात की तभी से पूरा पाकिस्‍तान बौखला गया। पाकिस्‍तान की सड़कों पर मेजर गौरव आर्या के खिलाफ नारे लगाते हुए उनके पुतले जलाए जा रहे हैं। 

जो पाकिस्‍तान कभी बात-बात पर एटमी हमले की धमकी देता था वही पाकिस्‍तान अब इस बात से भयाक्रांत है कि भारत का अगला कदम क्‍या होगा? गौरतलब है कि पहले जहां आतंकवाद में सीधे लिप्‍त रहने के बावजूद दुनिया पाकिस्‍तान के साथ खड़ी रहती थी वहीं आज चीन को छोड़कर पूरा विश्‍व पाकिस्‍तान को वैश्‍विक आतंकवाद की धुरी मानने लगा है। चीन भी पाकिस्‍तान के साथ खड़ा है तो उसका अपना स्‍वार्थ है। दरअसल चीन पाकिस्‍तान को भारी कर्ज में डुबोकर उसे हड़पने की दूरगामी कवायद में जुटा है लेकिन भारत विरोधी रवैये के कारण पाकिस्‍तान को चीन की चाल समझ में नहीं आ रही है। 

भारत द्वारा पाकिस्‍तान की चौतरफा घेरेबंदी का ही नतीजा है कि फाइनेंसिएल एक्‍शन टॉस्‍क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्‍तान अलग-थलग पड़ चुका है। फरवरी 2020 में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्‍तान को फिलहाल ग्रे सूची में रखा गया और उसे चेतावनी दी गयी कि यदि वह लश्‍कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्‍मद जैसे आतंकी संगठनों को धन देना बंद नहीं करता है तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। एफएटीएफ ने जून 2020 में होने वाली अगली बैठक तक पूरी कार्ययोजना लागू करने को कहा है वरना कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 

समग्रत: आज मोदी के नेतृत्‍व में भारत न केवल देश के भीतर की समस्याओं से निपटने का अपना तौर-तरीका बदल चुका है बल्कि पाकिस्तान जैसी देश के बाहर मौजूद समस्याओं का भी सटीक निदान कर रहा है। यही कारण है कि मोदी विरोधियों के पास मुद्दों का अकाल पड़ गया है।

(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)