आक्रांताओं को रौंदने वाले राजा सुहेलदेव का सम्मान

नरेंद्र मोदी ने गौरवशाली रूप में राजा सुहेल देव के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। उनका नाम विजयी और यशस्वी भारतीय राजाओं में शुमार है। नरेंद्र मोदी के प्रयासों से उनको गरिमा के अनुकूल प्रतिष्ठा मिल रही है। लेकिन इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के ओमप्रकाश राजभर, सावित्री बाई फुले आदि नेताओं की वोटबैंक की राजनीति भी देखने को मिली जो कि शर्मनाक है। इनके बयान राजा सुहेलदेव की प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास कार्यो के शिलान्यास व उद्घाटन के लिए अनेक बार पूर्वी उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए हैं। लेकिन इस बार उनकी यात्रा का सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी बहुत महत्व था। यह सराहनीय है कि भारत सरकार ने विजेता भारतीय राजा सुहेल देव को उचित सम्मान दिया। गाजीपुर में प्रधानमंत्री ने राजा सुहेलदेव पर  डाक टिकट जारी किया। इससे राष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रति जिज्ञाशा बढ़ेगी। नई पीढ़ी उनके शौर्य और देशभक्ति से प्रेरणा लेगी। इसके पहले 2016 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बहराइच में राजा सुहेल देव की प्रतिमा का अनावरण किया था।

साभार : हिंदुस्तान

नरेंद्र मोदी ने गौरवशाली रूप में राजा सुहेल देव के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। उनका नाम विजयी और यशस्वी भारतीय राजाओं में शुमार है। नरेंद्र मोदी के प्रयासों से उनको गरिमा के अनुकूल प्रतिष्ठा मिल रही है। लेकिन इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के ओमप्रकाश राजभर, सावित्री बाई फुले आदि नेताओं की वोटबैंक की राजनीति भी देखने को मिली जो कि शर्मनाक है। इनके बयान राजा सुहेल देव की प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं थे।

महाराज सुहेलदेव ग्यारहवीं शताब्दी में हुए। उन्होंने  बहराइच में ग़ज़नवी सेनापति सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी को पराजित कर मार डाला था। सत्रहवीं शताब्दी के फारसी भाषा के मिरात-ए-मसूदी में उनका उल्लेख है। राजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांता की सवा लाख सेना के साथ कुटिला नदी के तट पर युद्ध किया।  उनको पराजित कर हिन्दू धर्म की रक्षा की।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरे आज के प्रवास के दौरान आज पूर्वांचल को देश का एक बड़ा मेडिकल हब बनाने, कृषि से जुड़े शोध का महत्वपूर्ण सेंटर बनाने और यूपी के लघु उद्योगों को मजबूत करने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने एक सौ अस्सी करोड़ रुपये की पन्द्रह  परियोजनाओं का लोकार्पण और चौदह परियोजनाओं का शिलान्यास किया। 

वाराणसी में राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के परिसर में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र राष्ट्र को समर्पित किया। चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया और दक्षेस देशों में चावल के अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का प्रमुख केन्द्र बनेगा।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में  किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन सिर्फ आठ सौ किसानों का कर्ज माफ किया गया। किसानों की बदहाली कांग्रेस के पापों का परिणाम है। कांग्रेस ने स्वामीनाथन कमीशन को लागू नहीं किया। अगर ये रिपोर्ट लागू हो जाती तो आज किसान कर्जदार ना होता।

कुल मिलाकर मोदी की काशी और गाजीपुर यात्रा का व्यापक सन्दर्भ और महत्व रहा। सुहेल देव जैसे महान हिन्दू राजा को उन्होंने सम्मान दिया तथा विकास की अनेक योजनाओं का शुभारम्भ भी हुआ। कांग्रेस की गलत नीतियों पर निशाना भी साधा गया।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)