अर्थव्यवस्था

बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती देने में जुटी मोदी सरकार

बैंकिंग क्षेत्र में सख्ती बरतने एवं विविध उपायों को अमल में लाने से फंसे कर्ज की वसूली में तेजी आई है। एनपीए की राशि में 1 लाख करोड़ रूपये की कमी आई है। बैंकों में विगत 4 सालों में 4 लाख करोड़ रूपये की वसूली हुई है, जिससे खस्ताहाल बैंकिंग क्षेत्र को काफी राहत मिली है।

सभी तबकों की जरूरतों का ध्यान रखने वाला बजट

देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विगत 5 जुलाई को मोदी 2.0 कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसे नये कलेवर में लाल कपड़े में रखा गया तथा इसे बही खाता कहा गया। माननीय वित्त मंत्री ने जो बही खाता देश के समक्ष रखा उसमें समाज के सभी तबकों का किसी न किसी रूप में ध्यान रखा गया।

‘निर्मला सीतारमण ने बजट को भारतीय परम्पराओं से जोड़ने की एक कामयाब कोशिश की है’

निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के साथ देश में वर्षों पुरानी एक परंपरा को भी तोड़ डाला। अंग्रेजों के समय से तत्कालीन वित्त मंत्री चमड़े के ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचते थे। मगर निर्मला सीतारमण लाल मखमली कपड़े में बजट दस्तावेजों को रख कर संसद पहुंचीं।

समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वे पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है। इसके पहले वर्ष 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। लेकिन तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री भी थीं, ऐसे में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही मानी जाएंगी।

बद से बदतर होती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, खाने-पीने की चीजों में कटौती को मजबूर लोग

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद बुरे दौर में गुजर रही है। पुलवामा हमले के बाद   भारत द्वारा उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद से उसकी हालत और खराब हुई है। अब बढ़ती महँगाई पर काबू पाने के लिये पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से 6 अरब डॉलर कर्ज माँगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल हफीज़ शेख के अनुसार यह कर्ज पाकिस्तान,

आरबीआई ने रेपो रेट में की कमी, आर्थिक गतिविधियों की बढ़ेगी रफ़्तार

उम्मीद के मुताबिक रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार अंक की कटौती करने की घोषणा की है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया है। रिजर्व के रुख से ऐसा लगता है कि नीतिगत दरों में फिलहाल वृद्धि नहीं की जायेगी और आगामी मौद्रिक समीक्षाओं में भी इसमें और भी कटौती की जा सकती है।

कारोबार करना सुगम होने से चीन को छोड़ भारत आ सकती हैं 200 अमेरिकी कम्पनियाँ

अमेरिका और चीन के बीच चल रही कारोबारी लड़ाई का फ़ायदा भारत को मिलने की संभावना बन रही है। यह खबर है कि दोनों देशों के बीच चल रहे कारोबारी जंग की वजह से 200 अमेरिकी कंपनियाँ भारत में अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं। ऐसा होने से भारत में निवेश बढ़ेगा, रोजगार में वृद्धि होगी, घरेलू मुद्रा में मजबूती आयेगी, उत्पादों की मांगों में इजाफा होगा और मुद्रास्फीति में कमी आने से

मोदी सरकार की नीतियों से बढ़ रहा देश का विदेशी मुद्रा भण्डार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अप्रैल, 2019 को 1.10 अरब डॉलर बढ़कर 414.88 अरब डॉलर हो गया, जो 28,758 अरब रुपये के बराबर है। रिजर्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसपर पाउंड स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव पड़ता है। 

नीतिगत दरों में कटौती से आमजन को राहत मिलने के आसार

शक्तिकांत दास के अनुसार नीतिगत दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को देना ज्यादा जरूरी है, अन्यथा कटौती का मकसद बेकार हो जायेगा। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता के अनुसार बैंकों ने दरों में 10 से 12 आधार अंक की कटौती की है और नीतिगत दरों में और कटौती करने और नकदी की स्थिति में सुधार होने से बैंक कर्ज की दरों में और भी कटौती कर सकते हैं।

मोदी राज में बढ़ रही भारतीयों की क्रय क्षमता, कम हो रही गरीबी

वित्त वर्ष 2005-06 से लेकर 2015-16 के दौरान यानी 10 सालों में गरीबी दर घटकर आधी रह गई है। गरीबी दर पहले 55 प्रतिशत थी, जो घटकर अब 28 प्रतिशत हो गई है। गरीबी मापने वाले सूचकांक में आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि 10 संकेतकों को शामिल किया जाता है। गरीबी मापने वाले सूचकांक के अनुसार इन 10 सालों में 27.1 करोड़ लोग गरीबी की दलदल से बाहर