नरेंद्र मोदी

बाकियों ने केवल राजनीति की, बाबा साहब के विचारों पर अमल मोदी सरकार ने किया है!

बाबा साहब की प्रतिष्ठा में सर्वाधिक कार्य वर्तमान केंद्र सरकार ने किए हैं। इसमें उनके जीवन से संबंधित स्थलों का भव्य निर्माण भी शामिल है।

लगातार भाषाई मर्यादा लांघते राहुल गांधी को अदालत ने सही सबक दिया है

राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पच नहीं रही है। उसी का नतीजा है कि वे ऐसे लफ्जों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं।

जी-20 देशों में स्वामी विवेकानंद के पदचिन्ह

विश्व बंधुत्व एवं वेदांत के प्राचीन संदेश को लेकर ही आज से लगभग 128 वर्ष पहले (1893) स्वामी विवेकानंद पश्चिम के प्रवास पर गए थे।

यूपी बजट : विकास का विजन और उपलब्धियों का तथ्यपरक उल्लेख

यूपी का बजट पेश किए जाने के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और दुनिया के हर भारतीय का गौरव बढ़ाया है!

नरेंद्र मोदी की यह वैश्विक नेता की छवि हर भारतीय, फिर चाहें वो भारत में रहने वाला हो या प्रवासी हो, सबके लिए गर्व और गौरव की ही बात है।

पीएम-श्री योजना : स्कूली शिक्षा में सुधार की पहल

पीएम-श्री योजना के तहत विकसित स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा निर्धारित कसौटियों के अनुरूप स्वयं को एक उदाहरण की तरह प्रस्तुत करते हुए अपने आसपास के स्कूलों को भी अपनी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए प्रेरित करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में भारत ने वो काम भी कर दिखाया जो पूर्ववर्ती सरकारों के लिए असंभव माना जाता था। आज वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : अनुभव एवं संघर्षों की आँच में तपकर निखरे-चमके लोकप्रिय राजनेता

जब प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि राजनीति उनके लिए सत्ता व सुविधा की मंजिल नहीं, सेवा का माध्यम रही है तो उनका यह वक्तव्य अतिरेकी या अविश्वसनीय नहीं लगता।

वैश्विक नेता के रूप में स्थापित होते मोदी

राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे मोदी के कार्यों को तो दुनिया देख-परख रही ही है, बीते आठ सालों में विश्व पटल पर भी मोदी का नेतृत्व-कौशल उभरकर सामने आया है।

अपनी जड़ों से जुड़कर मानसिक दासता से मुक्त होगा भारत!

भारत अपनी जड़ों से जितना अधिक जुड़ेगा, उतना ही उसमें आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना का विकास होगा तथा मानसिक दासता से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।