समरकंद से निकला सार्थक संदेश
भारत की नजर से देखें तो समरकंद में हुए एससीओ सम्मेलन में भारत की भूमिका बेहद प्रभावी रही और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने व्यवसायिक हितों को शीर्ष पर रखा।
चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करता भारत
कुल मिलाकर कहने का आशय है कि भारत अब अपनी पूरी क्षमता के साथ चौथी औद्योगिक क्रांति के कारवां को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
इतिहास के आईने में : नेहरू की गलतियों का खामियाजा भुगतता भारत
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के रूप में नेहरू ने पड़ोसी देशों के साथ कई ऐसे समझौते किए जो आत्मघाती साबित हुए। एक-दो नहीं अनेक उदाहरण मिल जाएंगे।
मोदी सरकार की योजनाओं का दिख रहा असर, विश्व बैंक के अनुसार देश में कम हुई गरीबी
भारत में गरीबी पिछले एक दशक में 12.3 प्रतिशत कम हुई है। पिछले दो साल से महामारी की चुनौतियों से जूझते रहने के बावजूद गरीबी में कमी का यह आंकड़ा मन को सुकून देने वाला है।
देश की युवा-शक्ति के विषय में गुरूजी गोलवलकर के विचार
गुरूजी युवाओं द्वारा पूछे गए अनेक महत्वपूर्ण और सूक्ष्म प्रश्नों का बहुत ही सरलता से जवाब देते हुए अनेको बार उनका मार्ग प्रशस्त किया करते थे ।
वैश्विक मुश्किलों के बावजूद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती से बढ़ रहा भारत
कृषि, औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की निरंतरता से भी सुधार को बल मिल रहा है और अर्थव्यवस्था में मजबूती बने रहने की संभावना लगातार बरक़रार है।
स्वामी विवेकानंद : भारत का भारत से साक्षात्कार कराने वाले युगद्रष्टा संत
आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारतवर्ष को सांस्कृतिक एकता के मज़बूत सूत्र में पिरोया, वहीं स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को उसके स्वत्व एवं गौरव का बोध कराया।
जयंती विशेष : ‘यदि भारत को जानना चाहते हैं, तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए’
स्वामी जी ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीयन देशों में कई निजी एवं सार्वजनिक व्याख्यानों का आयोजन कर महान हिन्दू संस्कृति के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया एवं उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।
‘यदि आप भारत को जानना चाहते हैं, तो विवेकानंद का अध्ययन करें’
स्वामी विवेकानंद और उनके शब्द, ज्ञान और जीवन के व्यावहारिक पाठों से इतने समृद्ध थे कि प्रसिद्ध विद्वान और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था “यदि आप भारत को जानना चाहते हैं, तो विवेकानंद का अध्ययन करें। उनमें, सब कुछ सकारात्मक है और कुछ भी नकारात्मक नहीं है”।
एस-400 से मजबूत होगी भारत की रक्षापंक्ति
एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत यह है कि यह एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है और 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एक साथ नष्ट कर सकता है।