मुख्यमंत्री

गठबंधन के लिए कांग्रेस के आगे घुटने क्यों टेक दिए हैं केजरीवाल?

राजनीति बदलने का दावा कर सत्ता तक का सफर तय करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति को तो नहीं बदल पाए, लेकिन खुद जरूर बदल गए हैं। आज केजरीवाल अपनी कही हर बात से पलटते हुए नज़र आ रहें है। हैरत इस बात की भी है कि जो केजरीवाल कभी किसी दल से  गठबंधन नहीं करने की कसमें खाते थे, आज कांग्रेस के समक्ष घुटने टेक दिए हैं

योगी सरकार के काम की यही रफ़्तार रही तो जल्द ही उत्तर प्रदेश होगा ‘उत्तम प्रदेश’

योगी सरकार जिस गति से काम कर रही है, यदि ऐसे ही करती रही तो वह दिन दूर नहीं जब देश के बीमारू राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश की हालत में बड़ा सुधार आएगा। चूंकि अब योगी के रूप में एक ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री है, जिस पर जनता को अटूट विश्वास है और योगी की कार्य गति तथा दृढ इच्छाशक्ति दिखाती है कि वे जनता के विश्वास पर शत-प्रतिशत खरा उतरने के

मुसलमानों को योगी का झूठा डर दिखाने वालों से सावधान रहने की ज़रूरत

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से जिन्हें प्रदेश में मुसलमानों के लिए संकट दिखाई दे रहा है, वे लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित तो हैं ही, भारतीय समाज के लिए भी खतरनाक हैं। उनके पूर्वाग्रह से कहीं अधिक उनका बर्ताव और उनकी विचार प्रक्रिया सामाजिक ताने-बाने के लिए ठीक नहीं है। योगी आदित्यनाथ को मुस्लिम समाज के लिए हौव्वा बनाकर यह लोग उत्तरप्रदेश का सामाजिक

शुचिता की राजनीति के पर्याय थे सुन्दरलाल पटवा

मध्य प्रदेश सरकार का दो बार नेतृत्व कर चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता सुंदरलाल पटवा का निधन न केवल उनके दल बल्कि प्रदेश की समूची राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। जितना भाजपा में उनका सम्मान था, कांग्रेस के नेता भी उतना ही मान उनको देते थे। सरल हृदय के राजनेता सुंदरलाल पटवा स्वयं भी विपक्ष का बेहद सम्मान करते थे। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि वह शुचिता की राजनीति

स्मृति शेष : सांगठनिक अनुशासन, जनकल्याण और राष्ट्र की प्रगति के प्रति प्रतिबद्ध थे सुन्दरलाल पटवा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्व. श्री सुंदरलाल पटवा जी का जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के कुकडेश्वर कस्बे में हुआ था। उनका परिवार श्वेतांबर जैन धर्म को मानने वाला था। उनका परिवार धार्मिक तथा राष्ट्रवादी प्रवृत्ति का था। उनके पिता श्री मन्नालाल जैन उस समय के एक प्रतिष्ठित व्यापारी तथा समाजसेवी थे। परिवार की धार्मिक गतिविधियों तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के