लॉकडाउन

कोरोना से लड़ाई में लॉकडाउन का महत्व विपक्ष भले न समझे, मगर आम लोगों ने बखूबी समझ लिया है

इस वीडियो का यह सन्देश विपक्ष को भी समझ लेना चाहिए कि कोरोना से लड़ाई में आम लोग सरकार और उसके लॉकडाउन आदि निर्णयों के साथ है, विपक्षी दल चाहें जो कहते रहें।

मजदूरों के बहाने सरकार को घेरने वाले विपक्ष की मजदूर ही खोल रहे पोल

मजदूरों के बहाने विपक्ष ने सरकार पर खूब निशाना साधा और तरह-तरह के आरोप लगाए। रेलवे पर भी मजदूरों को ले जाने में बहुत अव्यवस्था बरतने के आरोप लगाए गए। लेकिन सच इन सबसे अलग था और वो समय के साथ सामने भी आ रहा है।

लॉकडाउन में श्रमिकों के नामपर राजनीति करने वाले विपक्ष को आईना दिखाती हैं ये कहानियाँ

न जाने ऐसे कितने ही श्रमिकों की कहानियाँ हैं जो एक संवेदनशील सरकार व उसके उत्तरदायित्वों की चर्चा करती हैं। सर्वाधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से थे।

केंद्र सरकार के प्रोत्साहन और प्रयास से जल्‍द ही राज्‍य बनेंगे आत्‍मनिर्भर

अब तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 42 करोड़ लोगों को 53 हजार करोड़ रुपये की नकदी सहायता दी गई है। जबकि महिला जन धन खाताधारकों को भी 20,344 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

रेलवे के बहाने आपदा काल में राजनीति कर रहे विपक्ष के दावों की श्रमिकों ने खोली पोल

जिस विपक्ष को आपदा की इस घड़ी में सरकार का साथ देना चाहिए था वह विपक्ष विस्‍थापितों की तकलीफों को बढ़ाने में जुटा था ताकि मोदी सरकार को बदनाम किया जा सके। इसे रेलवे के उदाहरण से समझा जा सकता है।

लॉकडाउन के बावजूद सप्लाई चेन को मज़बूत रखने में सफल रही है मोदी सरकार

पूरे विश्व में फैली कोरोना वायरस की महामारी के कारण भारत में इस महामारी को रोकने के उद्देश्य से पहले इक्कीस दिन और फिर उन्नीस दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है जिसके चलते देश भर की अधिकतर उत्पादन इकाईयाँ बंद कर दी गईं एवं आर्थिक गतिविधियों सहित विभिन्न अन्य सामान्य प्रकार की गतिविधियों को भी रोक दिया गया। 

कोरोना से लड़ाई में विश्व के सबसे बेहतर नेता सिद्ध हो रहे मोदी

पूरी दुनिया पहली बार विषाणुजनित महामारी के बहुत बड़े संकट से जूझ रही है। अमेरिका और चीन जैसे देश पस्त हो चुके हैं। लेकिन पूरी दुनिया की नजर एक ही शख्स पर है। लोग उम्मीद लगाये बैठे थे कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महामारी से कैसे निपटते हैं। संतोषजनक है कि मोदी अबतक इस विषय में एकदम सजग और तत्परतापूर्वक निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं।