अंतरिक्ष

वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बढ़ती भारत की भागीदारी

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ाने का प्रमुख कारण यह है कि पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में विकास के अनेक नए आयाम स्थापित किए गए हैं।

सूर्य मिशन : ‘रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं हम…!’

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारत की नजरें सूर्य पर टिकी हैं। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है, जिसके जरिए सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर…

अंतरिक्ष बाजार में भी बढ़ रहा भारत का दबदबा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गत 15 फरवरी 2017 को कुल 104 उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था।

मोदी सरकार के प्रयासों से अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत

भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियां पिछले सात साल के भीतर अनेक प्रकार के उपग्रह प्रक्षेपित कर हासिल की हैं।

कार्टोसैट-3 : अब अंतरिक्ष से भी होगी देश की सुरक्षा

27 नवंबर, बुधवार का दिन देश के लिए यादगार और गर्व से भरा साबित हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए नई मिसाल गढ़ी है। इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित स्‍पेस सेंटर से कार्टोसैट-3 नाम का सैटेलाइट सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर लॉन्‍च किया। साथ ही 13 अमेरिकी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए हैं। इस तरह बुधवार

मिशन शक्ति: ‘देश अंतरिक्ष की महाशक्ति बन गया और विपक्ष मीनमेख निकालने में लगा है’

भारत ने अंतरिक्ष में मौजूद लो अर्थ सैटेलाइट यानी एलईओ को नष्‍ट कर दिया। ऐसा करने वाले देश अमेरिका, रूस और चीन थे और अब भारत भी इस विशेष समूह में शामिल हो गया है। निश्चित ही सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व का विषय है। इस उपलब्धि के साथ ही देश अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष की चौथी महाशक्ति बन गया है।

अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ता भारत

नया साल देश के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता और उपलब्धियां लेकर आया है। अपने सफल प्रक्षेपणों के लिए ख्‍यात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने फिर एक उपग्रह का सफल प्रक्षेपण कर दिखाया है। यह उपग्रह कार्टोसेट टू सीरीज का था, जिसे पीएसएलवी के माध्‍यम से लॉन्‍च किया गया। यह तो उपलब्धि है ही, लेकिन इससे बड़ी और अहम उपलब्धि ये रही कि इस प्रक्षेपण के साथ ही इसरो द्वारा प्रक्षेपित

अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने

अंतरिक्ष में भारत की धमक

शैलेन्द्र कुमार शुक्ल  एक समय था जब देश को अंतरिक्ष से जुड़े परीक्षण और नए प्रयोग के लिए अमेरिका और रूस के आगे हाथ फैलाकर याचना करना पड़ता था, लेकिन अमेरिका कभी भी भारत को तवज्जो नहीं देता था। और संयोगवश कभी दे भी देता था तो तकनीकी साझा नहीं करता था कुलमिलाकर कहें तो