अंतर्राष्ट्रीय बाजार

वैश्विक स्तर पर भुगतान माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है भारतीय रुपया

भारत को आगे आने वाले समय में डॉलर की आवश्यकता कम होने लगेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई देशों के बीच रुपए की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ती जा रही है।