आयात

‘जो भारत कल तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक था, अब वो हथियार निर्यात कर रहा है’

आज हमारे देश की अनेक सरकारी कंपनियां विश्व स्तर के हथियार बना रही हैं और भारत विश्व के 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है।

रक्षा उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भरता हासिल करने की कवायद

2018-19 में भारत ने 80,000 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का उत्‍पादन किया जिसमें से 10,745 करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया गया।

लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध

हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध  मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।

मोबाइल निर्यात बाजार में भारत की दस्‍तक

अब तक अग्रणी मोबाइल आयातक के रूप में शुमार भारत जल्‍दी ही मोबाइल निर्यातक की श्रेणी आ जाए तो आश्‍चर्य नहीं होना चाहिए। दरअसल मोदी सरकार 370 अरब डॉलर के वैश्‍विक मोबाइल बाजार में चीन-वियतनाम को टक्‍कर देने की रणनीति पर काम कर रही है।

कोरोना आपदा के समय में भी घरेलू उत्‍पादन बढ़ाने में कामयाब रही मोदी सरकार

जिस देश में सूखा, बाढ़, भूकंप जैसी कुदरती आपदाओं के समय में राहत सामग्री के नाम पर घोटालों का रिकॉर्ड रहा हो उस देश में कोरोना जैसी वैश्‍विक महामारी से देशवासियों को बचाने साथ-साथ घरेलू उत्‍पादन को बढ़ावा देना एक बड़ी उपलब्‍धि है।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स निर्माण की धुरी बनने की ओर बढ़ता भारत

वोट बैंक की राजनीति करने वाली पिछली कांग्रेसी सरकारों ने भारत में नवोन्‍मेषी संस्‍कृति के विकास की ओर कभी ध्‍यान ही नहीं दिया। उनका पूरा जोर दान-दक्षिणा वाली योजनाओं पर रहता था ताकि वोट बैंक की राजनीति चलती रहे। इस स्थिति को बदलने के लिए मोदी सरकार ने शोध व विकास संस्‍थानों, विश्‍वविद्यालयों और निजी क्षेत्र से देश को इनोवेशन हब में बदलने का आह्वान किया है।