आर्थिक

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल

भले ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से 6 फरवरी, 2020 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया, लेकिन दूसरे उपायों से केंद्रीय बैंक, बैंकों को सस्ती पूँजी उपलब्ध करायेगा। रिजर्व बैंक का कहना है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह दरों में कटौती भी कर सकता है। अभी मुद्रास्फीति की दर 7.4 प्रतिशत है और ऐसी

मोदी राज में बढ़ रही भारतीयों की क्रय क्षमता, कम हो रही गरीबी

वित्त वर्ष 2005-06 से लेकर 2015-16 के दौरान यानी 10 सालों में गरीबी दर घटकर आधी रह गई है। गरीबी दर पहले 55 प्रतिशत थी, जो घटकर अब 28 प्रतिशत हो गई है। गरीबी मापने वाले सूचकांक में आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि 10 संकेतकों को शामिल किया जाता है। गरीबी मापने वाले सूचकांक के अनुसार इन 10 सालों में 27.1 करोड़ लोग गरीबी की दलदल से बाहर