आशीष कुलकर्णी

कांग्रेस की सल्तनत तो चली गयी, लेकिन अकड़ अब भी सुल्तानों वाली है !

राजा के सिपहसालारों का काम होता है, वह राजा को हमेशा सच बताएं। अब राजा सच सुने या नहीं, यह उसपर निर्भर करता है। राजहित में यह ज़रूरी है कि राजा अपने सलाहकारों की बात सुने और उस पर अमल भी करे। जो ऐसा नहीं करता उसका पतन अवश्यम्भावी हो जाता है। देश की सबसे पुरानी पार्टी है इंडियन नेशनल कांग्रेस, फ़िलहाल इसी तरह के संकट से गुजर रही है।

आशीष कुलकर्णी ने नया क्या कहा, कांग्रेस का ‘हिन्दू विरोधी’ चेहरा तो पहले से ही उजागर है !

देश भर में विभिन्‍न मोर्चों पर लगातार हार के बाद अपना जनाधार खोती जा रही कांग्रेस पार्टी को शुक्रवार को एक और झटका लग गया। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार और समन्वय केंद्र के सदस्य आशीष कुलकर्णी ने इस्‍तीफा देकर सबको चौंका दिया। यह इस्‍तीफा उन्‍होंने गुपचुप तरीके से नहीं दिया, बल्कि पुरजोर तरीके से आरोपों की बौछार करते हुए दिया। यह इस्‍तीफा इसलिए भी अहम है, क्‍योंकि आशीष कांग्रेस के वार रूम