एनबीएफसी

ये आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संकट के बावजूद मजबूत स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था

सरकार द्वारा उठाये गये सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था में तेजी दिख रही है जिसके आगामी महीनों में और भी बेहतर होने की उम्मीद है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे वित्तीय संस्थान

सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन में वित्तीय संस्थानों की सकारात्मक भूमिका की वजह से कोरोना काल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आ रहा है।

मौद्रिक समीक्षा : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ती रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखना रिजर्व द्वारा उठाया गया समीचीन कदम है। मौजूदा समय में बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने के लिए पर्याप्त नकदी है।

एनबीएफसी को मजबूत करने की कवायद

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की नकदी की समस्या जल्दी ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक, बैंकिंग प्रणाली में भारी मात्रा में पूंजी डाल रहा है। दास के अनुसार मामले में बैंकों के सकारात्मक रुख अपनाने से भी एनबीएफसी पर मंडरा रहा नकदी संकट का खतरा कम होने लगा है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक शीर्ष 50 एनबीएफसी पर बारीक नजर रख रहा है, ताकि जरूरत पड़ने उन्हें मदद उपलब्ध कराई जा सके।

एनबीएफसी को मजबूत करने की पहल

एनबीएफसी को वर्तमान पूँजी संकट के भंवर से निकालने के लिये रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देश जारी किया है साथ ही साथ 5000 या उससे ज्यादा कारोबार करने वाले एनबीएफसी को एक जोखिम अधिकारी नियुक्त करने के लिये निर्देशित किया गया है, ताकि जोखिम की स्थिति में एनबीएफसी खुद संकट से बाहर निकल सकें। उम्मीद है कि रिजर्व