कट्टरता

हिंदुत्व सह-अस्तित्ववाद की भावना पर आधारित है, यह कभी कट्टर हो ही नहीं सकता

हिंदुत्व का दर्शन ही सह-अस्तित्ववादिता पर केंद्रित है। जबकि उदार समझा जाने वाला पश्चिमी जगत प्रगति के तमाम दावों के बावजूद केवल सहिष्णुता तक पहुँच सका है।