कश्मीर

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विकास और विश्व-बंधुत्व की भावना से पुष्ट नए भारत का संबोधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के यह संबोधन जहां एक तरफ इमरान की बौखलाहट, सतहीपन के चलते तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की सकारात्‍मकता, दूरदर्शिता, प्रगतिशीलता और मुदुभाषिता के चलते बरसों तक याद किए जाते रहेंगे। सही अर्थों में वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने विकास और जगकल्याण की भावना से पुष्ट ‘नए भारत’ का संबोधन दिया है, वहीं इमरान

कबतक अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद करती रहेगी, कांग्रेस!

भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट में है। वो लगातार इस मसले को विश्व पटल पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दिक्कत ये है कि भारत की कूटनीतिक लामबंदी और बढ़ते वैश्विक प्रभाव के समक्ष चीन के सिवाय कोई भी देश इस मसले पर पाकिस्तान का साथ देने को तैयार नहीं नजर आ रहा है। चीन भी पूरी तरह से खुलकर उसका पक्ष नहीं ले पा रहा।

अनुच्छेद-370 हटाने के विरोध में कांग्रेस के निरर्थक तर्क

सरकार के किसी कदम का विरोध करना अपनी जगह है, लेकिन इसे राष्ट्रीय हित के दायरे में ही होना चाहिए। जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन और अस्थाई अनुच्छेद को समाप्त करने के संकल्प पर अनेक पार्टियों का रुख चौकाने वाला था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट संदेश के जरिए सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए।

कश्मीर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को मोदी सरकार ने सुधारा, धारा 370 समाप्त

जब गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लोगों को तभी अंदाज़ा हो गया था कि आज का दिन ख़ास होने वाला है। फिर आया वो समय, जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की घोषणा की। आज से 65 वर्ष पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने ठीक कर दिया है।

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी: ‘उनमें श्रेष्ठता की ऊर्जा थी, वे जिस क्षेत्र में गए श्रेष्ठ बनकर उभरे’

आज भारतीय जनसंघ के संस्‍थापक डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी का 67वां बलिदान दिवस है। हालांकि उनकी पहचान जनसंघ के संस्‍थापक की तौर पर ही अधिक है लेकिन वे बहुआयामी व्‍यक्तित्‍व के धनी थे।

चरणबद्ध ढंग से कश्मीर समस्या के समाधान की ओर बढ़ रही मोदी सरकार

पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कश्मीर को लेकर कुछ महत्वपूर्ण विषय रखे। इनमें राज्य में राष्ट्रपति शासन छः महीने के लिए बढ़ाना और राज्य के दस किलोमीटर सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वालों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने सम्बन्धी संशोधन विधेयक दो प्रमुख विषय रहे।

35ए : वह अनुच्छेद जिसे नेहरू ने संसद में पारित किए बिना ही संविधान का हिस्सा बना दिया

अनुच्छेद 35-ए को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार बहस-मुबाहिसो का दौर जारी है। यह एक ऐसा विधान है, जिसने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया है। लेकिन इसे एक ऐसे संवैधानिक धोखे का नाम भी दिया जा रहा है, जिसकी वजह से वहां के लाखों लोग वर्षों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

पाकिस्तान की भाषा बोल रहे कांग्रेसी नेताओं पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करते राहुल गांधी !

एक तरफ जहाँ केंद्र की मोदी सरकार देश की एकता एवं अखंडता को हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी लगातार देश को तोड़ने की अपनी मंशा पर काम करती दिखाई देती है। अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सहयोगी पीडीपी के साथ कानून व्यवस्था और तमाम मुद्दों को लेकर सरकार से अपना समर्थन

खुद अक्सर देशविरोधी बयान देने वाले अब्दुल्ला अपने विधायक को किस मुंह से समझाएंगे !

फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के विधायक मोहम्मद अकबर लोन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 10 फरवरी को पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हैं। अब फारुक साहब कह रहे हैं कि “हमें ऐसे समय में नारेबाजी से बचना चाहिए जब पाकिस्तान हमारे लोगों पर निशाना साधने की कोशिश कर रहा है।” यानी अब्दुल्ला साहब के हिसाब से नारेबाजी गलत नहीं है, बस समय थोड़ा गलत है।

क्या कश्मीर पर चिदंबरम के बयान से सहमत है कांग्रेस ?

भारत की आजादी के 70 साल हो गए हैं, लेकिन कश्मीर को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। कश्मीर को लेकर राजनीतिक गलियारों में सदैव हलचल रहती हैं, लेकिन वर्ष 2014 में पीएम मोदी द्वारा केंद्र की सत्ता संभालने के बाद कश्मीर की जनता का विश्वास हासिल करने और उसे आतंकवाद से मुक्त करने की दिशा में कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। अब विडंबना यह है कि केंद्र सरकार कश्मीर में शांति और प्रगति के