गांधी-नेहरू परिवार

वंशवाद, अहंकार और अदूरदर्शिता के भँवर में फँसकर पतन की ओर बढ़ती कांग्रेस

चाटूकारों और अवसरवादियों की भीड़ और उनकी विरुदावलियाँ किसी नेतृत्व के अहं को तुष्ट भले कर दें, पर इनसे वे सर्वस्वीकृत, सार्वकालिक, और महान नहीं बनते।

परिवारवाद के कारण डूब रहा है कांग्रेस का जहाज

गांधी-नेहरू परिवार के वर्चस्‍व का ही नतीजा है कि पिछले 20 साल में कांग्रेस में केवल दो अध्‍यक्ष रहे। कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव 1997 के बाद से नहीं हुए हैं। मई 2019 के बाद से कांग्रेस का कोई स्‍थायी अध्‍यक्ष नहीं है। यही कारण है कि कांग्रेसियों में हताशा व्‍याप्‍त है।

परिवारवाद के चंगुल में फँसी पतन की ओर बढ़ती कांग्रेस

राजस्‍थान विधानसभा के बाद सचिन पायलट मुख्‍यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्‍यमंत्री की गद्दी सौंप दी।