चरक

आयुर्वेद और एलोपैथ मिलकर चलें तो भारतीय चिकित्सा विश्व के लिए पथप्रदर्शक सिद्ध हो सकती है

देखा जाए तो दोनों ही चिकित्सा पद्धतियाँ मानव जीवन के कल्याण के लिए आस्तित्व में आईं हैं। एक कल का विज्ञान है तो एक आज का। लेकिन इसके साथ साथ दोनों की ही अपनी सीमाएं भी हैं।