छत्रपति शिवाजी महाराज

हिंदू-हिंदुत्व की दुर्व्याख्या करने वाले समझ लें कि हिंदू देह है और हिंदुत्व उसकी आत्मा!

अपनी अस्मिता एवं सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए हमारा जन्म से हिंदू होना ही पर्याप्त नहीं है उसमें हिंदुत्व की शौर्य-चेतना का दीप्त होना भी परमावश्यक है।