भारतेंदु हरिश्चंद्र

हिंदी दिवस विशेष : भारत की सांस्कृतिक विविधता की सच्ची प्रतिनिधि है हिंदी

किसी भी समाज की सांस्कृतिक पहचान का आधार उसकी भाषा में सन्निहित होता है। वस्तुतः भाषा ही वो प्राणतत्व होती है, जो किसी संस्कृति को काल के निर्बाध प्रवाह में भी सतत जीवंत और गतिशील रखती है।