लाल किला

लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने नए भारत की उपलब्धियों और आकांक्षाओं को स्वर दिया है!

मोदी ने स्‍वयं को कभी भी शासक अथवा राष्‍ट्राध्‍यक्ष की तरह नहीं, अपितु सदैव एक सेवक या सदस्‍य के तौर पर ही बताया है, उसी अनुसार आचरण भी किया है।

मोदी द्वारा लाल किले पर फिर झण्डा फहराने का वादा 140 करोड़ लोगों से मिले आत्मबल का ही प्रसाद है!

आप पूछेंगे कि मोदी देश को तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने का वादा कर रहे हैं, क्या ये प्राप्य है? भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा, ये वादा नहीं विश्वास है।

‘भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’

भारत का विभाजन और स्वतन्त्रता इतिहास के एक ही अध्याय में है। भीषण त्रासदी और विभाजन की काली रात के बाद स्वतन्त्रता का प्रकाश हुआ था।

गणतंत्र दिवस के दिन संविधान की धज्जियाँ उड़ाने वाले किसान नहीं हो सकते!

गणतंत्र-दिवस के दिन संविधान की धज्जियाँ उड़ाने वाले किसान कैसे हो सकते हैं! सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले कतई किसान नहीं!

हर घर तक नल से जल पहुंचाने की दिशा में तेजी से बढ़ रही मोदी सरकार

जल जीवन मिशन के तहत पिछले एक साल में ही दो करोड़ घरों तक पाइप से पीने का पानी पहुंचा दिया गया है। कोरोना काल के इस दौर में रोजगार की दृष्‍टि से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। 

लाल किले की प्राचीर से आत्मनिर्भर भारत का संदेश

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नई शिक्षा नीति का एक बड़ा योगदान होगा, लेकिन यह कुछ महीनों में हासिल होगा, ऐसा हमें नहीं सोचना चाहिए।

वो तीन काम जिनसे विशेष हो गया इसबार का स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक समारोह गरिमापूर्ण होता है। पूरा देश इसमें उत्साह के साथ सम्मलित होता है। यह हमारी राष्ट्रीय परम्परा है। लेकिन इस बार का पन्द्रह अगस्त विशेष कहा जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसकी तैयारी कुछ दिन नहीं बल्कि कई महीनों से चल रही थी।

‘एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए नेताजी के योगदान को भुलाया गया’

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आज़ाद हिंद सरकार के गठन के पचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर दिल्ली के लाल किले पर एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। भारत रत्न नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का सपना था कि देश जब आज़ाद होगा उस दिन वह लाल किले से तिरंगा फहराएंगे, उस सपने को नेताजी की आजाद हिन्द सरकार की पचहत्तरवीं वर्षगाँठ पर पूरा कर दिखाया प्रधानमंत्री नरेन्द्र