हत्या

हर्षा की हत्या पर व्याप्त ‘सेक्युलर मौन’ से उठते सवाल

हर्षा ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट के जरिए स्कूल में हिजाब के विरुद्ध स्कूल ड्रेस का समर्थन किया था, जिसके बाद 5 लोगों ने मिलकर उनकी चाकू मारकर हत्या कर दी।

बंगाल : संघ कार्यकर्ता बंधु प्रकाश की सपरिवार हत्या से उपजते सवाल

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से एक दुखद और आक्रोश पैदा करने वाली खबर सामने आई। यहां आरएसएस के कार्यकर्ता बंधु प्रकाश पाल, उनकी पत्‍नी और 8 वर्षीय बेटे आनंद की जघन्‍य हत्‍या कर दी गई। हत्‍यारों के इस वहशियाना कृत्‍य की यह पराकाष्‍ठा था कि प्रकाश की पत्‍नी गर्भवती थी, यानी गर्भस्‍थ शिशु ने संसार में आन से पहले ही दम तोड़ दिया। उक्‍त तीनों लोगों की हत्‍या भी धारदार हथियार से की गई, ऐसे में पूरा अनुमान बैठता है कि हत्‍यारे किसी तय साजिश के तहत वारदात करने

सोनभद्र प्रकरण पर राजनीति कांग्रेस को फायदा नहीं, नुकसान ही पहुंचाएगी

इस खूनी खेल के लिए अगर कोई ज़िम्मेदार है तो सबसे पहले कांग्रेस उसके बाद समाजवादी और बसपा की पूर्ववर्ती सरकारें, जिन्होंने अपने राजनीतिक फायदे को देखा लेकिन गरीब आदिवासियों के लिये कुछ नहीं किया। अपना राजनीतिक वजूद ढूंढ रहे कांग्रेस परिवार को सोनभद्र जैसी घटना के बाद राजनीति करने से बचना चाहिए था,

क्या मोदी के विकासवादी एजेण्डे के कारण रची जा रही थी उनकी हत्या की साजिश?

बीते सप्‍ताह प्रधानमंत्री मोदी की हत्‍या की साजिश का मामला चर्चा में रहा। यदि इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो इस मामले को अटकल ही समझा जाता। लेकिन अब चूंकि आरोपी पकड़े जा चुके हैं, साजिश का पत्र सामने आ चुका है, ऐसे में इस पर संदेह करने का अब कोई कारण नहीं बनता है।