अनिल बैजल

सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसीकी हार-जीत नहीं, केजरीवाल की बहानेबाजी पर ‘ब्रेक’ है !

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच लम्बे समय से चल रही अधिकारों की जंग पर आज देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इससे पूर्व यह मामला उच्च न्यायालय में भी चला था, तब उच्च न्यायालय ने उपराज्यपाल को प्रमुख प्रशासनिक शक्ति माना था। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय से जरा अलग रुख लेते हुए दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के मध्य शक्ति

निजी हितों के लिए सत्ता का दुरूपयोग कर फँसे केजरीवाल, शुंगलू समिति ने खोली पोल

नयी और ईमानदार राजनीति का स्वप्न दिखाकर काफी कम समय में ही केजरीवाल ने जनता के मन में अपने प्रति भरोसा पैदा किया और इसी भरोसे के बलबूते दिल्ली की सत्ता पर काबिज भी हुए। मगर, वर्तमान परिस्थितियों पर अगर हम नज़र डालें तो देखते हैं कि अरविन्द केजरीवाल ने जनता के भरोसे के साथ बुरी तरह से खिलवाड़ किया है। खुद को सर्वाधिक ईमानदार नेता का ख़िताब देने वाले केजरीवाल और

जनता के पैसे से अपनी छवि चमकाने के चक्कर में फँसे केजरीवाल, फिर खुली नयी राजनीति की पोल

अलग तरह की राजनीति का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में सत्तारूढ़ हुए दो वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। जनता के हित के बड़े-बड़े काम करने का वादा करके सत्ता में आने वाले केजरीवाल इस दौरान काम तो कुछ नहीं किए हैं; मगर अपने विभिन्न कारनामों के लिए खूब चर्चा में रहे हैं। कभी अपने मंत्रियों की गिरफ़्तारी तो कभी नजीब जंग से लेकर अनिल बैज़ल तक दिल्ली के उपराज्यपालों से