गाँधी

उनका इतिहास कमजोर है, जिन्हें आज़ादी की लड़ाई में संघ का योगदान नहीं दिखता !

संघ की शाखाएं राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला है जहां स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय व सामाजिक गुणों से लैस किया जाता है। संघ के अनेकों संगठन मसलन सेवा भारती, विद्या भारती, स्वदेशी जागरण मंच, हिंदू स्वयंसेवक संघ, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय किसान संघ अपने कार्यों से देश के रचनात्मक विकास में योगदान दे रहे हैं। सच तो यह है कि

संघ के खिलाफ गांधी की हत्या को नहीं भुनाती तो खत्म हो जाती कांग्रेस!

गांधी ह्त्या से जुड़ा एक दूसरा पक्ष अगर देखें तो गांधी की मृत्यु से सबसे अधिक लाभ कांग्रेस को ही हुआ है। यदि इस प्रकार गांधी की ह्त्या न हुई होती तो कांग्रेस इतने दिनों तक लोकप्रिय नही रही होती। कांग्रेस की रीती-नीति से खफा होकर गांधी खुद कांग्रेस के विरोध में उतर आते। कुछ लोग तो यह भी बतलाते हैं कि गांधी जी एक दो दिन के भीतर कांग्रेस विसर्जित करने की घोषणा करने वाले थे। साथ ही यह भी अन्वेषणा

स्वतंत्र भारत की पहली राजनीतिक चूक थी पटेल की बजाय नेहरू का प्रधानमंत्री बनना!

आज देश 70वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। लेकिन देश में यह पुरानी बहस चलती रहती है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के स्थान पर अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री बने होते तो आज देश की तस्वीर क्या होती? बड़ी संख्या में लोगों की ऐसी धारणा है कि अगर ऐसा हुआ होता तो न तो आज कश्मीर समस्या रहती और न ही तब चीन द्वारा भारत पर आक्रमण की जुर्रत की जाती।