राष्ट्रविरोधी

उड़ी आतंकी हमले के बाद फिर सामने आया वामपंथियों का राष्ट्रविरोधी चेहरा!

वामपंथियों के गढ़ जेएनयू के छात्र-संघ में वामपंथी वर्चस्व आज से नहीं, दशकों से कायम है। कहने की बात नहीं कि वहां कश्मीर का मसला हो या नक्सलियों का, हमेशा ही वहां के छात्र-संघ में जब भी राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रस्ताव आए, इन वामपंथियों ने उस पर समर्थन करना तो दूर, उसका कठोर विरोध करना ही उचित समझा। मुझे अच्छी तरह याद है कि जेएनयू के छात्रसंघ में पारित प्रस्ताव कई बार पाकिस्तान और