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भारतीयता के विरूद्ध जारी षड्यंत्रों का रहस्योद्घाटन करती पुस्तकः ‘अखंड भारत संस्कृति ने जोड़ा राजनीति ने तोड़ा’

वर्तमान इंटरनेट, कप्यूटर और स्मार्ट फोन आदि के दौर में पुस्तकों का बचा रह जाना हैरान कर सकता है। वह भी जब ये गैजेट्स मनुष्य के दैनन्दिन जीवन का अनिवार्य हिस्सा हो चले हों। आजकल इंटरनेट पर ‘सबकुछ’ मिलता है। इस ‘सबकुछ’ का आकर्षण हमें बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। इसमें रचनाओं का अंबार है, जिसे एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसमें एक बहुत बड़ा भ्रम भी है जिससे हमें खबरदार होने की जरूररत है।