सत्य

जयंती विशेष : गांधी कल भी प्रासंगिक थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे

जहाँ तक गाँधी की प्रासंगिकता का सवाल है तो उसके बरक्स अपनी ओर से कुछ कहने के बजाय कतिपय प्रसंगों-संदर्भों-आँकड़ों-घटनाओं-वक्तव्यों को जानना-समझना रोचक एवं सुखद रहेगा।