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जेएनयू बनाम एनआईटी- अभिव्यक्ति और असहिष्णुता के मापदंड

राजीव रंजन प्रसाद  लेखकीय जमात में मॉस्को से लेकर दिल्ली तक घनघोर शांति है। समाजसेवा की दुकानों में इस समय नया माल उतरा नहीं है। वो येल-तेल टाईप की चालीस-पचास युनिवर्सिटियां जिन्होंने जेएनयू देशद्रोह प्रकरण में नाटकीय हस्तक्षेप किये थे और कठिन अंग्रेजी में कठोर बयान जारी किये थे उनके अभी एकेडेमिक सेशन चल रहे