कार्यकारिणी बैठक से बीजेपी को मिलेगी नई दिशा

आदर्श तिवारी

यूपी के संगम नगरी इलाहाबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का दूसरा दिन है। पहले दिन मिशन यूपी का शंखनाद किया गयाbjp_national_president_shri_amit_shah_inaugurating_bjp_national_office_bearers_meeting_in_allahabad_uttar_pradesh_on_june_12_2016_20160612_1665124053, जिसमें यूपी चुनाव को लेकर पार्टी की क्या रणनीति होगी इसपर व्यापक विचार –विमर्श किया गया। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि समय के साथ संगठन में बदलाव जरूरी है, उत्तर प्रदेश में जीत का माहौल तैयार है बस उसे पार्टी को भुनाने की जरूरत है। आज प्रधानमंत्री मोदी 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं को  जब भी संबोधित करते उन्हें अपने अनुभवों और जनता से  जुड़ने के तौर –तरीकों को बड़ी सटीक ढंग से बताते, जिससे कार्यकर्ताओं में एक उर्जा का संचार होता है। बहरहाल,इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अखिलेश सरकार और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मथुरा हिंसा के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आड़े हाथो लिया। जाहिर है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश चुनाव को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं। पार्टी के सभी नेता यूपी समेत आगामी होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए गंभीर है,बीजेपी इस बात को बखूबी जानती है कि अगर यूपी का किला फतह करना है,तोउसे एक विशेष रणनीति के तहत जनता से संपर्क साधना पड़ेगा।जिसमें विकास के मुद्दों को प्रमुखता से उठाना होगा साथ ही जनता के बीच मोदी सरकार के विकास के कार्यों  को पहुँचाने के साथ –साथ सपा सरकार की विफलताओं को जनता से बताने की रणनीति का काम करना होगा यही वो मूलमंत्र है जो यूपी में पार्टी को सत्ता के करीब पहुंचा सकती है।मीडिया के हवाले से आ रहीं खबरों के मुताबिक बीजेपी इसी रणनीति को साधने पर विमर्श कर रही है।खैर, इस दो दिनों के मंथन से निश्चित तौर पर बीजेपी राज्य ही नहीं अपितु देश में चर्चा के केंद रही है।जो पार्टी के लिए लाभप्रद है।इस कार्यकारिणी से पार्टी को एक नई दिशा और दशा प्रदान करेगी जो आने वाले चुनावों में पार्टी को सफलता प्रदान करेगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)