उचित होगा कि कांग्रेस अपनी वर्तमान दुर्दशा को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करे तथा अपने अहंकारी चरित्र का त्याग करते हुए स्वयं में सुधार लाने का प्रयास करे।