गरीब कल्याण को समर्पित मोदी सरकार

मोदी सरकार देश के गरीबों के हित एवं कल्‍याण के लिए सदा से प्रतिबद्ध रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गरीब कल्याण अन्न योजना का पंचवर्षीय विस्तार गरीब कल्याण के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का ही एक और उदाहरण है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में एक बहुत महत्‍वपूर्ण एवं बड़ी घोषणा करते हुए देश के गरीब तबके को बड़ी राहत दी है। गत दिनों उन्होंने घोषणा की कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न योजना जारी रहेगी। इस योजना की अवधि पांच साल तक कर दी गई है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना मूल रूप से कोरोना काल में आरंभ की गई थी एवं इसका विस्‍तार भी उसी समय किया गया था। इस योजना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह देश के गरीब तबके को अन्‍न की सहायता दिए जाने संबंधी एक अहम फैसला है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत कोरोना संक्रमण की कठिन परिस्थितियों में अप्रैल 2020 में की गई थी। यह वर्तमान में भी संचालित है।

इस योजना के तहत समाज के जरूरतमंद पात्र लाभार्थियों को पांच किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को अब पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की है, जो देश के गरीबों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता को ही दर्शाता है।

वास्तव में, अपने शासन के आरंभ से ही प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों में गरीब-कल्याण का विषय प्रमुखता से रहा है।  देश भर में केंद्र सरकार द्वारा अनेक गरीब-कल्याण की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

यदि मध्‍य प्रदेश के परिप्रेक्ष्‍य में देखा जाए तो यहां सरकार ने गरीब कल्याण की दिशा में मुफ्त राशन वितरण, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना, आयुष्मान कार्ड, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह कल्याणी और निशक्तजन योजना, आवासहीनों को भूखंड का पट्टा वितरण और संबल जैसी योजनाएं लागू की हैं। इसी क्रम में मध्य प्रदेश में 10 दिन तक गरीब कल्याण का रिपोर्ट लेकर भाजपा कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देंगे, वहीं चुनावी रैलियां और रोड शो कर बड़े नेता जनता को साधेंगे।

विपक्षी गलियारे में इस घोषणा को चुनावी कहा जा रहा जो कि उचित नहीं है। क्योंकि, यह योजना कोरोना काल से चल रही है और इसका लाभ समूचे देश की जनता के लिए है और उन सभी राज्‍यों के, सभी वर्ग के, सभी संप्रदायों के, सभी धर्मों के लोग इसका लाभ ले सकेंगे, जहां ना तो चुनाव है और ना ही भाजपा की सरकार है। यह एक जन कल्‍याणकारी योजना है जो देश की जनता के लिए है।

यही योजना नहीं, केंद्र सरकार ने कोरोना काल में, लॉकडाउन के समय अन्‍य योजनाओं के ज़रिये भी आम जनता के लिए लाभ के द्वार खोल दिये थे। जन धन योजना के तहत महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 500 रुपए जमा किए गए। पीएम किसान योजना में लाभार्थियों को नियमित अंतराल से खातों में 2 हजार रुपए की किश्‍त ट्रांसफर की जा रही है। जहां तक कर्मचारी वर्ग की बात है, उस समय सरकार ने भविष्‍य निधि के नियमों में ढील देते हुए जमा राशि पर 75 प्रतिशत निकासी की सुविधा दी थी।

उज्ज्वला योजना के चलते सभी पात्र महिलाओं को घरेलू गैस के निशुल्‍क सिलेंडर मुहैया कराए गए। आयकर दाताओं को आयकर रिटर्न फाइल करने की मियाद बढ़ाकर राहत दी गई। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए की लागत का एक आर्थिक पैकेज भी घोषित किया था जिसमें व्‍यापारी वर्ग, एमएसएमई सभी का ध्‍यान रखा गया था।

अब हालिया अन्‍न योजना के 5 साल तक विस्‍तार की घोषणा की गई है तो इसे देश के करोड़ों गरीबों को दीपावली का उपहार माना जा सकता है। इस योजना का उद्देश्य गरीबों के जीवन को आसान बनाना और उन्हें आगे बढ़ने में मदद देना है, इसका चुनावी राजनीति से कोई संबंध नहीं है।

वास्तव में, मोदी सरकार देश के गरीबों के हित एवं कल्‍याण के लिए सदा से प्रतिबद्ध रही है। मोदी सरकार देश के गरीबों के हित एवं कल्‍याण के लिए सदा से प्रतिबद्ध रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गरीब कल्याण अन्न योजना का पंचवर्षीय विस्तार गरीब कल्याण के प्रति इस सरकार की प्रतिबद्धता का ही उदाहरण है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)