सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता है वीर अभिनंदन की सकुशल वापसी

विंग कमांडर अभिनंदन  पैराशूट के साथ जब  जमीन पर गिरे तो वह जानना चाहते थे कि वह कहाँ हैं, जब उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तान में हैं और स्थानीय लोग उनकी तरफ़ बढ़ रहे हैं तो वह दौड़ने लगे और सबसे पहले उन्होंने तालाब में कूदकर सभी जरूरी दस्तावेज़ गला दिए तथा कुछ को निगल गए। यही नहीं, उन्होंने वहाँ भारत माता का जयघोष भी किया। बहरहाल यह हर्ष का विषय है कि हमारी वायु सेना का जवान पाकिस्तान की जमीन पर जा उसे धूल चटाकर सीना चौड़ा कर वापस आ गया है। आज भारत, वीर अभिनन्दन का अभिनन्दन कर रहा है।

पराक्रम, शौर्य और अदम्य साहस भारतीय सेना के पर्यायवाची शब्द हैं। जब हम कहते हैं कि हमारी सेना सभी तरह की स्थितियों का सामना करने को तैयार है, तो इसका उदारहण हम मिग-21 के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन के साहस से समझ सकते हैं। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना द्वारा एयर स्ट्राइक के पश्चात् बौखलाए पाकिस्तान ने गत दिनों अपनी  वायुसेना से भारतीय सीमाक्षेत्र में प्रहार करने की कुचेष्टा, तो उसके नापाक इरादे को ध्वस्त करने के लिए अभिनंदन ने बहादुरी दिखाते हुए पिछली पीढ़ी के विमान मिग-21 से ही अत्याधुनिक तकनीक से लैस पाकिस्तानी एफ-16 को ध्वस्त कर दिया। लेकिन इस जवाबी हमले में वह पाकिस्तान सीमा में जा गिरे जहां पाकिस्तान की सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था।

दोनों देशों के तनाव के बीच भारत की प्राथमिकता अभिनन्दन की सकुशल घर वापसी थी। समूचा देश अभिनंदन की चिंता में व्याकुल हो उठा और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की मांग करने लगा। इधर भारत सरकार का स्पष्ट मानना था कि भारत बिना शर्त अभिनंदन की रिहाई चाहता है और अगर विंग कमांडर को कुछ हुआ तो स्थिति और बिगड़ सकती है, यह भारत की धमकी थी जिसमें एक मजबूत भारत की स्पष्ट झलक देखी जा सकती है।

उसके कुछ देर बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में विंग कमांडर को छोड़ने की बात कही। लेकिन कुटिल पाकिस्तान के मुखिया ने कुटिलता दिखाते हुए यह भी कहा कि वह इसके जरिये शांति का सन्देश देना चाहते हैं। हालांकि अबतक दुनिया जान चुकी है कि शांति और पाकिस्तान एकदूसरे के विलोम शब्द हैं, लेकिन दुर्भाग्य से भारत के कुछ कथित लिबरल अथवा टुकड़े–टुकड़े गैंग के सदस्यों को यह बात समझ में नहीं आती है। उनकी नजर में अब इमरान शांति के महान दूत बनकर उभरे हैं।  

साभार : हिंदुस्तान

बहरहाल, अभिनन्दन भारत आ गए हैं जिसे सरकार की बड़ी सफलता माना जा सकता है। भारत अपनी कुशल कूटनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। खबर है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस ने पाकिस्तान से चलने वाली आतंक की बड़ी फैक्ट्री जैश–ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश कर दिया है। इसके साथ-साथ भारत आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में कई ताकतवर देशों ने साथ देने का वादा तथा समर्थन भी दिया है।

यह सब इसलिए जानना आवश्यक है कि अपने ही देश के कुछ ज्यादा बुद्धिमान होने का मुगालता पाले लोगों का यह कहना है कि इमरान ने अभिनंदन को वापस करने का जो निर्णय दिया उससे यह प्रतीत होता है कि वह शांति चाहते हैं और विश्व में उनकी साख मजबूत हुई है।

यहीं नहीं, ये बुद्धिजीवी भारत के प्रधानमंत्री को कहीं से भी क्रेडिट न मिल जाए, इससे भी बेहद भयभीत दिखते हैं। इनकी नीयत में कितनी खोट है, इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि कुछेक बड़े पत्रकार विंग कमांडर की वापसी को मोदी के लिए झटका बता रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री के इरादे कितने स्पष्ट हैं, ये उन्होंने संकेतों में बता दिया कि ये रिहर्सल था, असली काम अभी बाकी है।

अभिनन्दन की रिहाई जाहिर तौर पर कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत है। इसे भारत की तरफ़ से लगातार दिए जा रहे मुंहतोड़ जवाब का डर समझिये या वैश्विक दबाव कहिये, पर पाकिस्तान यह समझ चुका है कि युद्ध के पश्चात् वह वैश्विक भूगोल से गायब हो जाएगा, अथवा वह पुनः उठकर खड़ा होने की स्थिति में नहीं रहेगा, इसलिए पाकिस्तान किसी भी तरह से आमने-सामने के युद्ध की स्थिति से बचना चाहता है। जिन लोगों को इमरान शांति के झंडाबरदार लग रहे हैं, वह यह भी बताएं कि जिनेवा समझौता नाम की भी कोई चीज़ है या नहीं? और सबसे बड़ी बात कि इमरान के पास आखिर रास्ता क्या था?

अंधविरोधी कुछ भी कहें, लेकिन मीडिया के हवाले से अभिनंदन को लेकर जो खबरें आईं वह उनकी बहादुरी की गाथा पर भारतवासियों को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान कर रही हैं। खबरों के अनुसार विंग कमांडर अभिनंदन  पैराशूट के साथ जब  जमीन पर गिरे तो वह जानना चाहते थे कि वह कहाँ हैं, जब उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तान में हैं और स्थानीय लोग उनकी तरफ़ बढ़ रहे हैं तो वह दौड़ने लगे।

फिर सबसे पहले उन्होंने तालाब में कूदकर सभी जरूरी दस्तावेज़ गला दिए तथा कुछ को निगल गए। यही नहीं, उन्होंने वहाँ भारत माता का जयघोष भी किया। बहरहाल यह हर्ष का विषय है कि हमारी वायु सेना का जवान पाकिस्तान की जमीन पर जा उसे धूल चटाकर सीना चौड़ा कर वापस आ गया है। आज भारत, वीर अभिनन्दन का अभिनन्दन कर रहा है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)