अजय धवले

भारत-इजरायल की इस जुगलबंदी से भारतीय विदेशनीति को मिलेगा नया आयाम

इजरायल में जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया, वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत के बढ़ते वर्चस्व को दिखाता है, क्योंकि इजरायल के प्रधानमंत्री ने हिंदी में बोलकर उनका अभिवादन किया साथ ही वह अपने कैबिनेट के 11 मंत्रियो और सारे उच्च अधिकारियो को लेकर उनके स्वागत के लिए खड़े थे। अमेरिकी राष्ट्रपति के बाद मोदी पहले ऐसे राजनेता हैं, जिनका स्वागत करने के

योग को वैश्विक पहचान दिलाने वाले प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में भी योग का विशेष स्थान है !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ही दुनिया के करीब 175 देश योग की राह पर चल पड़े हैं। दरअसल मोदी का विरोध करने वाले लोगों को लगता है कि योग का मतलब है, अलग-अलग तरह के फीजिकल पोश्चर बनाना है और इसी तरह का दुष्प्रचार वह अंतराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर कर रह है। किन्तु, असल में योग का मतलब शरीर और मन को एक निश्चित और संतुलित क्रम में प्रस्थापित करना है। शरीर, दिमाग, आत्मा और

मोदी सरकार के वो दस काम जो बदलते भारत की कहानी कहते हैं !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 26 मई 2017 को तीन साल पूरे हो जाएंगे। इन तीन सालो की दौरान प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पूर्ववर्ती सरकारों से बिलकुल अलग कार्य करते हुए गवर्नेंस का का अनोखा मॉडल अपनाया जिसमें जनता से सीधा सवांद हर योजना की प्राथमिकता थी। इसी संदर्भ में अगर हम नरेंद्र मोदी सरकार के तीन सालो के कार्यो का विश्लेषण करने के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं, कार्यक्रमों और निर्णयों पर सक्षिंप्त दृष्टि डालना समीचीन होगा

मोदी की सलाह पर शिवराज सरकार ने किया वित्त वर्ष में बदलाव, किसानों को मिलेगा फायदा

मॉनसून के खराब रहने से भारत में अक्सर कुछ इलाक़ों में जून और सितंबर के बीच में सूखा पड़ता है। ऐसे में, अगर वित्तीय वर्ष की तारीख बदलती है, तो नवंबर में पेश होने वाले बजट में, कृषि से जुड़ी ऐसी समस्याओं का ध्यान रखा जा सकता है। उल्लेखनीय होगा कि दुनिया के 156 देशों का वित्तीय वर्ष कैलेंडर 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच ही होता है। साथ ही, वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मोनेट्री

सेना पर सवाल उठाने वाले बताएं कि उन्हें पत्थरबाजों से इतना लगाव क्यों है ?

पत्थरबाज सेना के जवानों के साथ जिस तरह का बर्ताव कर रहे और जिस तरह उनके तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आ रही, उसके बाद यह कहना गलत नहीं है कि ये लोग किसी तरह के रहम के काबिल नहीं हैं। पाकिस्तान की शह पर आतंकियों की मदद करने वाले ये चाँद कश्मीरी पत्थरबाज देशद्रोही हैं, अतः इनके साथ कड़ाई से पेश आना ही समय की ज़रूरत है।