मोदी सरकार

वन नेशन-वन ग्रिड से आएगी बिजली क्रांति

मोदी सरकार अब देश के समूचे परिवहन तंत्र को पेट्रोल-डीजल के बजाए बिजली आधारित करने की महत्‍वाकांक्षी योजना पर काम कर रही हैं ताकि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में कमी लाई जा सके। सरकार ने 2020-21 तक रेलवे के समूचे ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण का लक्ष्‍य रखा है।

मोदी 2.0: इस सरकार ने सौ दिन में जितने बड़े काम किए हैं, कांग्रेस अपने पूरे शासन में नहीं की होगी

किसी सरकार के प्रारंभिक सौ दिन को उसकी आगे की कार्य-योजना के लिए एक प्रस्थान-बिंदु माना जाता है। अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे हुए हैं, तो यह देखना आवश्यक है कि प्रथम कार्यकाल से अधिक बहुमत से चुनकर आई यह सरकार किस नीति, नीयत और योजना के साथ आगे बढ़ रही है।

बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की पहल

हरित क्रांति के दौर में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्‍तेमाल, फसल चक्र की उपेक्षा, जल संरक्षण पर ध्‍यान न दिए जाने से देश में मरुस्‍थलीकरण का दायरा बढ़ने लगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की रिपोर्ट के अनुसार राजस्‍थान तक सिमटे थार मरुस्‍थल ने अब हरियाणा, पंजाब, उत्‍तर प्रदेश तथा मध्‍य प्रदेश को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।

घरेलू रक्षा उत्‍पादन में क्रांति लाने में कामयाब रही मोदी सरकार

जिस देश में एक पर्व (विजयदशमी) विशेष रूप में शस्‍त्र पूजन के लिए हो वह देश दुनिया में हथियारों का अग्रणी आयातक हो तो इसे विडंबना ही कहा जाएगा। देश में अस्‍त्र-शस्‍त्र निर्माण की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आधुनिक संदर्भ में देखें तो भारतीय रक्षा उद्योग की नींव 200 साल पहले ब्रिटिश काल में रखी गई।

कश्मीर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को मोदी सरकार ने सुधारा, धारा 370 समाप्त

जब गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लोगों को तभी अंदाज़ा हो गया था कि आज का दिन ख़ास होने वाला है। फिर आया वो समय, जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की घोषणा की। आज से 65 वर्ष पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने ठीक कर दिया है।

श्रमिकों की जिंदगी में बेहतरी लाने की पहल

श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने ‘श्रमिकों  के हितों से जुड़े ‘व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल स्थिति, 2019 विधेयक’ को 23 जुलाई को लोक सभा में पेश किया है। इस विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक नियोक्ता किसी भी श्रमिक की लिखित सहमति के बिना उससे ओवरटाइम नहीं करा पायेगा।

स्वर्णिम भविष्य के स्वप्न दिखाती नई शिक्षा नीति

बच्चे देश का भविष्य ही नहीं, नींव भी होते हैं और नींव जितनी मजबूत होगी, इमारत उतनी ही बुलंद होगी। इसी सोच के आधार पर नई शिक्षा नीति की रूप रेखा तैयार की गई है। अपनी इस नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार एक बार फिर चर्चा में है। चूंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, तो जाहिर है इसके विरोध में भी स्वर उठना भी स्वाभाविक था और अपेक्षा के अनुरूप स्वर उठे भी।

बजट 2019 : गांवों की तस्‍वीर बदलने की कवायद

भारतीय राजनीति की विडंबना रही कि यहां आजादी के बाद से ही खेती-किसानी के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन गांवों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं आया। सरकारों ने वोट तो ग्रामीण विकास के नाम पर मांगा लेकिन विकास किया शहरों का। इसका नतीजा यह निकला कि शहर और गांव के बीच खाई बढ़ती गई।

समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वे पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है। इसके पहले वर्ष 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। लेकिन तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री भी थीं, ऐसे में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही मानी जाएंगी।

क्या सुलझने की ओर बढ़ रही है कश्मीर की गुत्थी?

अमित शाह के कश्मीर दौरे के दौरान यह साफ़ हो गया था कि कश्मीर में सही वक़्त पर चुनाव भी होंगे लेकिन उससे पूर्व आतंकियों की नकेल भी कसी जाएगी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सेना को आतंकियों से निबटने में खुली छूट दी गई थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि स्थानीय आतंकियों की एक पूरी की पूरी जमात का सफाया हो गया,