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वीर सावरकर ऐसी धातु से बने हुए थे जो तपाने पर और भी निखरने लगती है

समय के निष्पक्ष हाथों ने उन सच्चाइयों को ढूंढ निकाला है। उन्हें प्रकाश में लाने के प्रयत्न होने लगे हैं। उस नए इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय का ही नाम है “स्वातंत्र्यवीर सावरकर”।

छत्रपति शिवाजी : समय एवं समाज की चेतना को झंकृत करने वाले नायक

शिवाजी महाराज केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक सोच थे, संस्कार थे, संस्कृति थे,   पथ-प्रदर्शक,  क्रांतिकारी मशाल थे, युगप्रवर्तक शिल्पकार थे।

सांस्कृतिक अस्मिता को राजनीति के केंद्र में स्थापित करने वाले जननेता थे कल्याण सिंह

कल्याण सिंह का देहावसान राजनीति के एक युग का अंत व अवसान है। वे भारतीय राजनीति के शिखर-पुरुष के रूप में सदैव याद किए जाएंगे।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर : जिनका हिंदुत्व कोरी भावुकता पर नहीं, तर्कपूर्ण चिंतन पर आधारित था

आधुनिक राजनीतिक विमर्श में विनायक दामोदर सावरकर एक ऐसे नाम हैं, जिनकी उपेक्षा करने का साहस उनके धुर विरोधी भी नहीं जुटा पाते।

सनातन परम्परा के ध्वजवाहक थे बुद्ध

तथागत बुद्ध सनातन परम्परा और भारतीय अध्यात्म के वो स्तम्भ थे जिन्होंने कभी सनातन मूल्यों को अस्वीकार नहीं किया।

कश्मीरी पण्डितों की पीड़ा पर अट्टहास केजरीवाल की अमानवीय राजनीति को ही दर्शाता है

जो केजरीवाल जे एन यू में भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाने वालों का समर्थन करते है, उनसे भारत की जनता इससे अलग की अपेक्षा भी क्या कर सकती है!

गुरूजी का संगठन मंत्र और तंत्र आज भी प्रासंगिक

गुरूजी को यह कदापि पसन्द नहीं था कि कोई भी सेवा-कार्य जनता पर उपकार की भावना से किया जाए।  उनके अनुसार ” सेवा हिन्दू जीवन – दर्शन की प्रमुख विशेषता है।

भगवान राम को काल्पनिक बताने वाले हिंदू-हिंदुत्व की बात किस मुंह से कर रहे हैं ?

राहुल गांधी ने जिस ढंग से हिंदुत्व को हिंदू से अलग करके स्‍वयं की परिभाषा थोपने की जो कोशिश की है, वह विचित्र और भ्रामक है।

‘भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’

भारत का विभाजन और स्वतन्त्रता इतिहास के एक ही अध्याय में है। भीषण त्रासदी और विभाजन की काली रात के बाद स्वतन्त्रता का प्रकाश हुआ था।

राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश

मोहन भागवत ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर जो कुछ कहा है, उसका उद्देश्य चुनावी राजनीति के संकीर्ण दायरे से कहीं बड़ा और व्यापक है। यह राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान है।