अभद्र भाषा

‘राहुल गांधी की भाषा सुनकर हैरानी होती है कि वे एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष हैं’

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कुछ ज्‍़यादा ही मुखर दिखाई दे रहे हैं। लेकिन यदि इस पर ध्‍यान दिया जाए कि वे क्‍या बोल रहे हैं, तो हैरानी होगी कि वे एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे ना तो कुछ नया बोल रहे हैं, ना मौलिक, ना तथ्‍य परक और ना ही ठोस। यहां तक भी ठीक था। आखिर परिवारवादी व्‍यवस्‍था से निकले तथाकथित नेता के पास बोलने के लिए कुछ जमीनी