चार साल

चार सालों में सुशासन और विकास के हर मोर्चे पर कांग्रेस से बेहतर साबित हुई है मोदी सरकार !

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपानीत राजग की सरकार सत्ता में आई। आजादी के इतने वर्षों बाद पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार को अकेले दम पर बहुमत मिला। नरेन्द्र मोदी के करिश्माई चेहरे के आगे विपक्ष ढेर हो गया। जनता ने मोदी को दिल खोलकर अपना समर्थन दिया। इसका मुख्य कारण था कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की कुनीतियाँ। कांग्रेस के कार्यकाल में भ्रष्टाचार

स्वच्छता को आदत बनाने की दिशा में सफलतापूर्वक बढ़ रही मोदी सरकार

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को गाँधी जयंती के अवसर पर की थी। इस गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान के चार वर्ष पूरे हुए। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आकड़ो और तथ्यों के आलोक में इस योजना की दिशा व दशा पर विमर्श हो।

‘कांग्रेस बैलगाड़ी की रफ़्तार से योजनाएं लागू करती थी, मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं’

कांग्रेस यह कहती रहती है कि मोदी सरकार ने उसकी अनेक योजनाएं को ही आगे बढ़ाया है, लेकिन यह कहने में कोई समझदारी नहीं है। क्योकि जब कांग्रेस अपनी योजनाओं की दुहाई देती है, तो उसकी और नरेंद्र मोदी की कार्यशैली का तुलनात्मक अध्ययन होने लगता है। तुलना करते ही स्पष्ट हो जाता है कि यदि कांग्रेस बैलगाड़ी की चाल से योजनाएं लागू करके काम शुरू करती थी, तो नरेंद्र मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने लाखों करोड़ रुपये की योजनाएं अधूरी या लंबित छोड़ दी थीं। इसकी लागत

विकास का एजेंडा बनाम विरोध की राजनीति में से चुनना भला किसके लिए मुश्किल होगा !

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 26 मई को केंद्र में अपने चार साल पूरे कर लिए। एक ऐसे नेता ने जिसने विकास के मुद्दे को 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना सबसे बड़ा और कारगर नारा बनाया, आज भी हिंदुस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उनका नारा था ‘सबका साथ सबका विकास’ जिसने सभी जाति, वर्गों और समुदायों को एक

‘मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों ठीक हैं, इसलिए जनता का विश्वास बरक़रार है’

26 मई, 2014 का दिन था, जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। आज (26 मई, 2018) उनके कार्यकाल को 4 वर्ष पूरे हो गए हैं। 16 मई, 2014 वो तारीख थी, जिस दिन आम चुनावों के बाद हिन्दुस्तान की नई सियासी इबारत लिखी जा रही थी। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को जनादेश दिया था और विशाल बहुमत के साथ एक गैरकांग्रेस दल की सरकार बनने जा