स्वतंत्रता संग्राम

वीर सावरकर ऐसी धातु से बने हुए थे जो तपाने पर और भी निखरने लगती है

समय के निष्पक्ष हाथों ने उन सच्चाइयों को ढूंढ निकाला है। उन्हें प्रकाश में लाने के प्रयत्न होने लगे हैं। उस नए इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय का ही नाम है “स्वातंत्र्यवीर सावरकर”।

हेमू कालाणी : जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में मां भारती के श्रीचरणों में अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था!

हेमू कालाणी ने ‘इंकलाब-जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए खुद अपने हाथों से फांसी का फंदा अपने गले में डाला, मानो फूलों की माला पहन रहे हों।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह : इतिहास के एक गुमनाम नायक जिन्हें मोदी सरकार ने उचित सम्मान दिया है

राजा महेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व के कई आयाम थे। वे स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद, क्रांतिकारी, समाजसुधारक और दानवीर भी थे।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर : जिनका हिंदुत्व कोरी भावुकता पर नहीं, तर्कपूर्ण चिंतन पर आधारित था

आधुनिक राजनीतिक विमर्श में विनायक दामोदर सावरकर एक ऐसे नाम हैं, जिनकी उपेक्षा करने का साहस उनके धुर विरोधी भी नहीं जुटा पाते।

संघ के संघर्षों और बलिदानों की अमिट गाथा है गोवा मुक्ति आन्दोलन!

पुर्तगाली वास्को-डि-गामा हो या स्पेनिश कोलम्बस, इन सबको इतनी दूर भारत आने के लिए जिस एक चीज ने विवश किया वो थे भारतीय मसाले, यह मसाले जिस जगह पैदा होते थे वो पश्चिमी घाट का तटवर्ती इलाका था, उसमें भी मालाबार और गोमान्तक इस व्यापार के केंद्र में रहे हैं। कोलंबस तो कभी भारत नहीं पहुँच पाया