हर्षवर्धन त्रिपाठी

वामपंथी शासन की नियति ही है तानाशाही

चीन ने शी जिनपिंग को ताउम्र राष्ट्रपति रहने का अधिकार दे दिया है। हालांकि जिस तरह से जिनपिंग को यह अधिकार मिला है, उससे सन्देह होता है कि अधिकार चीन ने दिया है या फिर जिनपिंग और उनके समर्थकों ने कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ चाइना के एकदलीय शासन में छीन लिया है। निर्बाध, ताउम्र सत्ता के लिए चीन में मतदान हुआ है और चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के 2963 सदस्यों में से 2958 सदस्यों ने शी जिनपिंग को

इक्कीसवीं सदी के सबसे बड़े नेता के तौर पर प्रतिष्ठित होते नरेंद्र मोदी

महात्मा गांधी जननेता के रूप में एक ऐसा आदर्श रहे हैं, जिसके नज़दीक पहुँचना भी उनके बाद के किसी नेता के लिए सम्भव न हो सका। अब नरेंद्र मोदी ‘गांधी के बाद कौन’ वाले सवाल का जवाब बनने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर और फिर देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपना व्यक्तित्व नई ऊंचाई तक पहुंचा दिया है।

नोटबंदी का अतार्किक विरोध कर देश का भरोसा खोता विपक्ष

नोटबंदी के बाद जनता के मन में एक भावना आसानी से देखी जा सकती है कि प्रधानमंत्री के इस फैसले को वह हर तरह की परेशानी के बाद भी काला धन रखने वालों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ देख रही है। और जनता की इस भावना ने दरअसल देश के विपक्ष के लिए कतार में लगी जनता से ज्यादा परेशानी की जमात खड़ी कर दी है।