वस्त्र उद्योग के लिए क्रांतिकारी साबित होंगे पीएम मित्र पार्क

जो देश मोबाइल उपकरणों का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक था वही देश अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक के 11 महीनों के दौरान 78,375 करोड़ रुपये का मोबाइल उपकरण निर्यात किया। मोदी सरकार इसी कामयाबी को अब वस्त्र व परिधान उद्योग में दुहराने जा रही है।

राजनीतिक प्रतिबद्धता की कमी, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बिजली-सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी, लाइसेंस परमिट राज, सत्ता पक्ष से जुड़े आयातकों की मजबूत लॉबी जैसे कारणों से देश विनिर्माण में पिछड़ता चला गया। स्थिति यहां तक आ गई कि जो घरेलू सामान हजारों वर्षों से देश में बन रहे थे उनका भी चीन से आयात होने लगा जैसे झाड़ू।

इसी विडंबना को देखते हुए 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने देश को विनिर्माण धुरी बनाने का प्रण लिया। इसके लिए सबसे पहले विश्व स्तरीय आधारभूत ढांचा पर फोकस किया गया। सड़क, बिजली, बंदरगाह, लॉजिस्टिक में उल्लेखनीय सुधार के बाद विनिर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) शुरू किया। पीएलआई के तहत वर्तमान में 14 उद्योगों के लिए 23.5 अरब डॉलर आवंटन किया गया है जो अगले तीन-पांच वर्षों में वितरित किए जाएंगे। कई अन्य उद्योगों के लिए पीएलआई पर विचार किया जा रहा है।

पीएलआई योजना का ही कमाल है कि अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक के 11 महीनों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र सबसे अधिक तेज निर्यात वाले सेक्टर की श्रेणी में आ गया। इलेक्ट्रानिक्स में यह तेजी मोबाइल उपकरणों बढ़ती हिस्सेदारी के कारण आई है जो कि बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है। इस दौरान 78,375 करोड़ रुपये का मोबाइल उपकरण निर्यात किया गया जो पिछले साल की तुलना में दो गुना अधिक है।

मोदी सरकार इलेक्ट्रानिक्स निर्यात में मिली सफलता को दूसरे क्षेत्रों में दोहरा रही है इसमें सबसे महत्वपूर्ण है वस्त्र और परिधान उद्योग। वस्त्र उद्योग में रोजगार की भरपूर संभावना है। जहां एक करोड़ रुपये के निवेश पर अन्य उद्योगों में 12 नौकरियां सृजित होती हैं वहीं वस्त्र उद्योग 30 नौकरियां सृजित करता है।

10.5 करोड़ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के साथ वस्त्र व परिधान उद्योग कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस उद्योग में 70 प्रतिशत से अधिक भागीदारी महिलाओं की है।

वर्ष 2021-22 में देश ने 44.4 अरब डॉलर का वस्त्र व परिधान निर्यात किया जो कि 2020-21 की तुलना में 41.7 प्रतिशत अधिक है। इससे उत्साहित मोदी सरकार ने 2030 तक देश के वस्त्र और परिधान निर्यात को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के पूरा होने पर वस्त्र और परिधान उद्योग का कुल मूल्य बढ़कर 250 अरब डॉलर हो जाएगा।

इस भारी-भरकम लक्ष्य को पाने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (मित्र) पार्कों की स्थापना कर रही है। इसके तहत विश्व स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचा, आधुनिक प्रौद्योगिकी, बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया जाएगा। प्रत्येक पार्क से एक लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

पीएम मित्र पार्कों को उन्हीं जगहों पर स्थापित किया जाएगा जहां वस्त्र व परिधान उद्योग के फलने-फूलने के व्यापक संभावनाएं हों। पीएम मित्र पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, रंगाई, छपाई से लेकर परिधान निर्माण आदि तक एक एकीकृत वस्त्र मूल्य श्रृंखला बनाने का अवसर प्रदान करेगा। इससे वस्त्र उद्योग की ढुलाई लागत भी कम होगी।

पीएम मित्र पार्क उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र तमिलनाडु और गुजरात में स्थापित किए जाएंगे। ये पार्क 5 एफ विजन अर्थात फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन से प्रेरित होकर वस्त्र व परिधान उद्योग को बढ़ावा देंगे।

वस्त्र व परिधान उद्योग के लिए पीएलआई विशेष रूप से उच्च मूल्य सेगमेंट के विस्तार पर केंद्रित है। इसका लक्ष्य वस्त्र व परिधान उद्योग बड़ा आकार देने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसके अलावा मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली चेन्नई जैसे महानगरों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का संचालन किया जा रहा है।

(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)