नमो एप कियोस्क : राजनीति जब तकनीकी से मिलती है

नेतृत्व अगर भविष्य को समझने वाला होता है तो स्थितियाँ कैसे बदल जाती हैं इसको ऐसे समझिये कि भारत अगले 3-4 साल में इलेक्‍ट्रानिक मैन्‍युफैक्‍चरिंग को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत चिप टेकर से अब चिप मेकर बनने जा रहा है। सेमी कंडक्‍टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी में इस समय नमो एप के 2 कियोस्क आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। अगर आप प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक हैं, तो हॉल में प्रवेश करते ही मिलने वाले ये दो कियोस्क आपके लिए अमूल्य उपहार जैसे हैं। प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी सारी जानकारियां, उनके द्वारा लिखित किताबें और उनकी योजनाओं से जुड़े रियल टाइम डेटा को एक जगह पाने से बेहतर और क्या हो सकता है!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी कार्यशैली और जनता द्वारा मिल रहे अपार प्रेम के बल पर आज भारतीय राजनीति में विश्वसनीयता और उन्नत सोच के सबसे बड़े ब्रांड बन चुके हैं। अगर आज उन्हें कुशल राजनीतिज्ञ, कारगर रणनीतिकार और कुशल संगठनकर्ता माना जाता है, तो उसके पीछे एक मजबूत कारण उनका भविष्योन्मुख होना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निरंतर युवाओं के साथ होने वाला संवाद उन्हें तकनीकी तौर पर समृद्ध रखता है और शायद इसीलिए तकनीकी, सोशल मीडिया, एप और डिजिटल होने की महत्ता को प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत पहले ही समझ लिया था।

याद करिये, जब लगभग 6 साल पहले एक बर्थ सर्टिफिकेट लेने तक के लिए हमें लंबी लाइनों में लगना पड़ता था और लोगों की ये लाइनें केवल एक जगह तक ही सिमटी नहीं थी। बिल जमा करना है तो लंबी कतारें, राशन के लिए लाइन, एडमिशन के लिए लाइन, रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन, बैंकों में लाइन लेकिन समय के इस छोटे कार्यकाल में ही इतनी सारी लाइनों का समाधान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऑनलाइन होकर कर लिया।

नेतृत्व अगर भविष्य को समझने वाला होता है तो स्थितियाँ कैसे बदल जाती हैं इसको ऐसे समझिये कि भारत अगले 3-4 साल में इलेक्‍ट्रानिक मैन्‍युफैक्‍चरिंग को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।

भारत चिप टेकर से अब चिप मेकर बनने जा रहा है। सेमी कंडक्‍टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है। अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का एक बहुत बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है। आज दुनिया का 40% डिजिटल लेन-देन हमारे भारत में हो रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी माइंडसेट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।

आम लोगों से आसानी से कनेक्ट होने का तरीका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन को सबसे अलग और खास बनाता है और NaMo App में भी हमको वही चिर-परिचित मोदी टच दिखता है। असल में NaMo App के तहत माइक्रोसाइट पर एक ऐसा मॉड्यूल खड़ा किया गया जो इंटरेस्टिंग है, जिसमें इंटरेक्शन है और जो इंफॉर्मेशन एवं इनोवेशन से युक्त है। ये ऐसा App है जिसे हम बिना ईमेल या फोन नंबर डाले भी डाउनलोड कर सकते हैं।

NaMo App दुनिया भर में किसी भी राजनेता के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे लोकप्रिय App है। ऐप में सरकार द्वारा किए गए काम को दिखाने के लिए विशेष इंफोग्राफिक्स है और नमो मर्चेंडाइज व माइक्रो-डोनेशन जैसे सेक्शन इसको दुनिया भर के नेताओं के App से थोड़ा अलग खड़ा कर देते हैं।

ये एप प्रधानमंत्री जी की डिजिटल अभियान की गंभीरता को दिखाता है। खुद सोचिये कि अगर डिजिटल इंडिया अभियान न होता तो 100 साल में आये कोविड जैसे सबसे बड़े संकट के समय हम देश में क्या कर पाते? हमने देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मजदूरों के बैंक खातों में एक क्लिक से हज़ारों करोड़ रुपये पहुंचा दिए। वन नेशन- वन राशन कार्ड की मदद से हमनें 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया।

आज डिजिटल गवर्नेंस का एक बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत में है। जनधन, मोबाइल और आधार कार्ड। JAM की त्रिशक्ति का देश के गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ हुआ है। DBT के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। इस टेक्नोलॉजी की वजह से करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपये जो किसी और के हाथ में जाते थे, वो बच गए हैं। गांव में सैकड़ों सरकारी सेवाएं डिजिटली देने के लिए पिछले 8 वर्ष में 4 लाख से अधिक नए कॉमन सर्विस सेंटर जोड़े जा चुके हैं।

भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी में नमो एप के 2 कियोस्क टचस्क्रीन से, फ्लिपबुक से, बुकमार्क से और क्यूआर कोड के साथ स्टिकर और किताबों के साथ सुसज्जित हैं। देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, संगठन पदाधिकारियों का इन कियोस्क में लगातार आगमन हो रहा है और वॉलंटियर के साथ उनकी चर्चा इस पूरे प्रयास को विशेष बना रही है।

कियोस्क में आने वाले अधिकांश लोग बुकमार्क से विशेष रूप से प्रभावित दिखे। हालांकि बुकमार्क कागज का एक छोटा सा टुकड़ा है लेकिन उस पर जो 6 क्यूआर कोड अंकित हैं उन पर स्कैन करते ही आपके पास प्रधानमंत्री जी और उनकी योजनाओं से जुड़ी सारी जानकारियाँ आ जाएंगी।

ये जानकारियाँ आपसे संवाद करती हैं और वास्तव में Namo App में ये जानकारियों का संवाद आपको हर जगह, हर वर्ष और हर सेगमेंट में मिलेगा। एक तरफ प्रधानमंत्री स्वयं App में कृषि-सुधार कानूनों की सामग्री को पढ़ने का आग्रह करते दिखते हैं, तो दूसरी तरफ सर्वे के माध्यम से कोविड टीकाकरण की स्थिति को लेकर भी जनता से राय मांगी जाती है।

यहाँ नोटबंदी को लेकर भी सर्वेक्षण होता है और लोकतंत्र के वास्तविक मानकों पर खरे उतरने के लिए विभिन्न राज्यों के चुनाव के दौरान जनता से भी उम्मीदवारों के चयन सम्बन्धी राय भी मांगी जाती है। इसी संवाद के विभिन्न आयामों को जब कियोस्क पर मौजूद एक वालंटियर से मैंने कुछ शब्दों में समेटने की बात की तो वो बोले, Namo App का ध्येय है ‘सूचना के साथ सशक्तिकरण’।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। तकनीकी विषयों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)