अन्ना हजारे

केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन क्यों नहीं करते अन्ना हजारे?

अन्‍ना हजारे को मोदी सरकार के विरूद्ध अनशन करने से पहले 2011 के चर्चित अन्‍ना आंदोलन से पैदा हुई राजनीतिक पार्टी और उसकी सरकार के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अनशन करना चाहिए। संभव है कि इससे उनके आंदोलन से उपजी पार्टी एक ईमानदार सरकार का प्रतिमान स्‍थापित कर देश की राजनीति को एक नई दिशा देने की कोशिश करे।

अन्ना को सबसे पहले अपने राजनीतिक शिष्य केजरीवाल के खिलाफ जनांदोलन करना चाहिए !

इसे विडंबना ही कहेंगे कि एक ओर अन्‍ना हजारे भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन के दूसरे चरण का आगाज कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी राजनीतिक पैदाइश (अरविंद केजरीवाल) भ्रष्‍टाचार के नित नए कीर्तिमान बना रहे हैं। इतना ही नहीं, एक नई तरह की राजनीति करने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल आजकल माफीनामा लेकर घूम रहे हैं। गौरतलब है कि ईमानदारी और स्‍वच्‍छता के नए प्रयोग के दावे और वादे के

‘आप’ के पांच साल : व्यवस्था परिवर्तन के वादे से मोदी के अंधविरोध की राजनीति तक

अन्‍ना आंदोलन की कोख से पैदा हुई आम आदमी पार्टी (आप) अपनी स्‍थापना की पांचवी सालगिरह मनाने में जोर-शोर से जुटी है। दिल्‍ली के रामलीला मैदान में होने वाले इस समारोह के लिए “क्रांति के पांच साल” नामक नारा दिया गया है। लेकिन जिस शुचिता और ईमानदारी के संकल्‍प के साथ पार्टी का गठन हुआ था, अब उसका कोई नामलेवा नहीं रह गया है।

मोदी सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने पर अन्ना को ‘जन्नत की हकीकत’ मालूम हो जाएगी !

किस तरह से कभी-कभी कुछ नेता और आंदोलनकारी अप्रासंगिक हो जाते हैं, उसका शानदार उदाहरण है अन्ना हजारे। अब उन्हें कोई याद तक नहीं करता। उनकी कहीं कोई चर्चा तक नहीं होती। एक दौर में वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे थे। अब वही अन्ना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चेतावनी दे रहे हैं लोकपाल की नियुक्ति को लेकर। आंदोलन की धमकी दे रहे हैं।

ये कैसा हैकर है मनीष सिसोदिया जी कि बस एक रिट्वीट करके छोड़ दिया ?

आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसोदिया जो दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री भी हैं, ने हाल ही में एक ऐसे ट्वीट जिसमे अन्ना हजारे को साफ़ तौर पर धोखेबाज कहा गया था, को रिट्वीट कर उसके प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर दिया। जब इस ट्वीट के समर्थन को लेकर उनकी निंदा होने लगी तो अपने बचाव में उन्होंने वही तरीका अपनाया जिसका पाठ केजरीवाल ने अपनी पूरी कैबिनेट को बहुत अच्छे ढंग से पढाया है। उन्होंने कहा कि