कविता

अटल जी कोई शौकिया कवि नहीं थे, बल्कि कवित्व उनके स्वभाव में रचा-बसा था!

देश का बहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस एक ऐसी तारीख के रूप में इतिहास में दर्ज हो चुका है, जिसके अगले ही दिन राजनीतिक जीवन में नैतिक निष्ठा और वैचारिक शालीनता के पर्याय, समावेशी राजनीति के अग्रदूत, जनप्रिय नेता, प्रखर वक्ता, काल के कपाल पर जीवन के गीत लिखने वाले मूर्धन्य कवि और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 93 वर्ष की अवस्था में मृत्यु