किसान आंदोलन

सात वर्षों में मोदी सरकार ने कृषि के लिए जितना काम किया है, उतना पिछले सत्तर वर्षों में भी नहीं हुआ!

मोदी सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत हर साल 11 करोड़ किसानों के बैंक खाते में डेढ़ लाख करोड़ रुपये भेज रही है।  

कथित किसान आंदोलन की आड़ में राजनीतिक जमीन बचाने की कवायद में विपक्ष

यह आंदोलन मोदी-योगी विरोधियों के लिए अपनी राजनीतिक जमीन बचाने का दांव बन गया है। लेकिन जनता सब देख भी रही है और समझ भी रही है, इसलिए विरोधियों का यह दांव चलने वाला नहीं है।

सच से दूर और राजनीति से प्रेरित है कथित किसान आंदोलन

जनता सब देख रही है और वास्तविक मुद्दों पर आधारित आंदोलन तथा राजनीति प्रेरित आंदोलन का मतलब बखूबी समझती है। इसका हिसाब भी जरूर करेगी।

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा की जीत के निहितार्थ

कोरोना काल के दौरान भाजपा संगठन ने अपनी जमीनी सक्रियता को कायम रखा। सभी स्तरों पर सक्रियता थी। दूसरी तरफ विपक्ष इस मामले में पिछड़ गया।

भाजपा विरोधी अभियान में बदला कथित किसान आंदोलन

किसान आंदोलन अब राजनीतिक विरोध में तब्‍दील हो चुका है। यही कारण है कि आम किसान इस आंदोलन से दूरी बनाने लगे हैं।

किसान हितों को समर्पित है मोदी सरकार, इसलिए अप्रासंगिक हुआ कथित किसान आंदोलन

किसानों की आय बढ़ाने और उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। ये कृषि कानून भी इसीकी एक कड़ी हैं।

क्या अपनी प्रासंगिकता खो रहा है किसान आंदोलन ?

देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।

किसान आंदोलन की दशा और दिशा

अब किसान आंदोलन किसानों से निकल कर ऐसे ही संदिग्ध हाथों में पहुँच गया है। ऐसे में सरकार जिस धैर्य से काम ले रही है वो ठीक ही है।

कृषि कानून की प्रतियां फाड़कर किसान आंदोलन को भुनाने की व्‍यर्थ कोशिश करते केजरीवाल

केजरीवाल को यदि वास्‍तव में अवाम की चिंता होती तो वे सबसे पहले इस कथित आंदोलन को खत्‍म कराने की पहल करते ना कि यहां अपनी नफरत की राजनीति का अवसर तलाशते।

किसानों की आड़ में बिचौलियों को बचाने का आंदोलन

नए कानूनों के खिलाफ तथाकथित किसान नेताओं को मुद्दे नहीं मिल रहे हैं तो इसका कारण यह है कि ये आंदोलन किसानों के लिए नहीं बल्‍कि आढ़तियों-बिचौलियों की तगड़ी लॉबी को बचाने के लिए चलाया जा रहा है।