भाजपा मोदी

परिवारवादी राजनीति के दौर में जनहितकारी राजनीति की उम्मीद जगाती भाजपा

जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को समान अधिकार, अवसर की समानता जैसी बातें संविधान में वर्णित की गई हो, ऐसे देश में अगर राजनीति के क्षेत्र में परिवारवाद की जड़ें इतनी गहरे तक जम जाएं कि राष्ट्रीय राजनीति से लेकर क्षेत्रीय राजनीति तक इसकी विषबेल पसरने लगे तो इससे बड़ी विडाबंना कोई और नहीं हो सकती। ऐसे में, समान अधिकार दिलाने वाला संवैधानिक ढ़ांचा ही कही न कही कमजोर पड़