मार्क्सवादी

आरएसएस कार्यकर्ताओं के प्रति मार्क्सवादी हिंसा पर खामोश क्यों है असहिष्णुता गिरोह ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या और उन पर जानलेवा हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है। यह घटनाएं किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं। केरल, पंजाब, कर्नाटक और अब भाजपा शासित मध्यप्रदेश में भी संघ के कार्यकर्ता पर हमला करने की घटना सामने आई है। अभी इन घटनाओं के पीछे एक ही कारण समझ आ रहा है। संघ की राष्ट्रीय विचारधारा के विस्तार और उसके बढ़ते प्रभाव से अभारतीय

भारतीयता के विरूद्ध जारी षड्यंत्रों का रहस्योद्घाटन करती पुस्तकः ‘अखंड भारत संस्कृति ने जोड़ा राजनीति ने तोड़ा’

वर्तमान इंटरनेट, कप्यूटर और स्मार्ट फोन आदि के दौर में पुस्तकों का बचा रह जाना हैरान कर सकता है। वह भी जब ये गैजेट्स मनुष्य के दैनन्दिन जीवन का अनिवार्य हिस्सा हो चले हों। आजकल इंटरनेट पर ‘सबकुछ’ मिलता है। इस ‘सबकुछ’ का आकर्षण हमें बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। इसमें रचनाओं का अंबार है, जिसे एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसमें एक बहुत बड़ा भ्रम भी है जिससे हमें खबरदार होने की जरूररत है।