मार्क्सवाद

जयंती विशेष : पंडित दीनदयाल उपाध्याय और एकात्म मानवदर्शन

एकात्म मानव दर्शन भारत की सनातन संस्कृति एवं चिरंतन जीवन-पद्धत्ति की युगीन व्याख्या है। परस्पर सहयोग एवं आंतरिक-तात्विक जुड़ाव पर अवलंबित रहने के कारण यह विस्तारवादी-साम्राज्यवादी प्रवृत्तियों एवं महत्ववाकांक्षाओं पर विराम  लगा विश्व-बंधुत्व की भावना को सच्चे एवं वास्तविक अर्थों में साकार करता है। सरलता और सादगी की प्रतिमूर्त्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी एवं विलक्षण

मार्क्सवाद का अर्धसत्य : मार्क्सवाद के वास्तविक चेहरे का साक्षात्कार कराती किताब

मार्क्सवाद की विचारधारा अपने आप में अनेक विडंबनाओं से घिरी हुई है। इस विचारधारा के कथ्य और तथ्य के बीच सत्य की कसौटी पर भारी अंतर है।