कामकाज

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए भाजपा सरकारों की अनूठी पहल

इसमें कोई दो राय नहीं कि देश की खेती-किसानी की बदहाली पिछली सरकारों द्वारा लंबे समय तक कृषिगत आधारभूत ढांचा विशेषकर बिजली, सड़क, सिंचाई, बीज, उर्वरक, भंडारण, विपणन, प्रसंस्‍करण आदि की ओर ध्‍यान न दिए जाने का नतीजा है। भ्रष्‍टाचार में आकंठ डूबी और जाति-धर्म की राजनीति करने वाली सरकारों के पास इतनी फुर्सत ही नहीं थी कि वे दूरगामी कृषि सुधारों की ओर ध्‍यान देतीं। यही कारण है

मोदी सरकार के सुधारों से अपने लक्ष्यों को पाने में कामयाब हो रही मनरेगा योजना !

मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिये शिद्दत के साथ कोशिश कर रही है। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को मजबूत बनाना सरकार की इसी रणनीति का हिस्सा है। ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने के लिये सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिये पूरक मांग के द्वारा बजट आवंटन में बढ़ोतरी की थी, जिससे वित्त वर्ष 2016-17 में मनरेगा के तहत कुल रोजगार सृजन 235.77 करोड़ व्यक्ति

बिजली की बचत से बिजली क्रांति लाने की दिशा में बढ़ रही मोदी सरकार !

आजादी के बाद अन्‍य क्षेत्रों की भांति बिजली क्षेत्र का विकास भी विसंगतिपूर्ण रहा। गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत् आपूर्ति हो या प्रति व्‍यक्‍ति खपत हर मामले में जमकर कागजी खानापूर्ति की गई। सबसे ज्‍यादा भेदभाव तो गांवों के साथ किया गया। बिजलीघर भले ही गांवों में लगे हों, लेकिन इनकी चारदीवारी के आगे अंधेरा ही छाया रहा। दूसरी ओर यहां से निकलने वाले खंभों व तारों के जाल से शहरों का अंधेरा दूर हुआ। इसी तरह उस गांव

मोदी सरकार के इन क़दमों से बढ़ेगी किसानों की आय !

कृषि क्षेत्र में अपेक्षित वृद्धि हेतु सरकार इस क्षेत्र की मौजूदा कमियों को दूर करना चाहती है। इस कवायद के तहत केंद्र सरकार ने हाल ही में चने और मसूर के आयात शुल्क में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है; वहीं तोरिया, जो मुख्य रूप से राजस्थान में पैदा होने वाली तिलहन फसल है, के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि की है। सरकार जल्द ही गेहूं के आयात शुल्क, जो मौजूदा समय में 20 प्रतिशत है, में भी बढ़ोतरी

मोदी सरकार की नीतियों से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ता भारत !

मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार का दौर जारी है, जिसके  कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 के 6.4 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2018 में 7.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019 में 7.7 प्रतिशत पर पहुँच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार बैंकों के बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने की कोशिश कर रही है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण फैसलों को

उर्वरकों की कमी दूर करने में कामयाब रही मोदी सरकार !

कांग्रेसी सरकारें हर स्‍तर पर बिचौलियों-मुफ्तखोरों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने के मामले में कुख्‍यात रही हैं। जिन–जिन राज्‍यों में कांग्रेस की जगह जातिवादी सरकारें आई उन्‍होंने तो भ्रष्‍टाचार को राजधर्म बना डाला। यहां उत्‍तर प्रदेश के बहुचर्चित राशन घोटाले का उल्‍लेख प्रासंगिक है, जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज से लदी मालगाड़ी गोंडा से सीधे बांग्‍लादेश पहुंचा दी गई थी। इसी तरह करोड़ों लोग फर्जी पहचान के

मोदी सरकार की नीतियों से बेहतरी की ओर अर्थव्यवस्था

विनिर्माण क्षेत्र में 7.0%, बिजली, गैस, और अन्य उपयोगी सेवाओं में 7.6%, संचार, व्यापार, होटल, परिवहन आदि क्षेत्रों में 9.9% की दर से विकास के होने के कारण सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.1% दर से वृद्धि हुई, जबकि पहली तिमाही में यह 5.6% थी, जबकि जीडीपी में वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही के 5.7% के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही में 6.3% की दर से वृद्धि

पेमेंट कंपनी वीजा की रिपोर्ट : नोटबंदी के बाद भारतीयों में डिजिटल पेमेंट का बढ़ रहा चलन

इसमें कोई शक नहीं है कि अब भारत क्रमिक रूप से और तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। इस डिजिटल क्रांति का सबसे प्रभावी और सकारात्‍मक असर अर्थव्‍यस्‍था पर ही पड़ा है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नोटबंदी के बाद से ही देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन का ग्राफ बढ़ गया था। हालांकि विपक्षी दलों ने इसे विवशता करार दिया और कहा कि यह सरकार की विफलता है, लेकिन ग्‍लोबल

ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना से मुद्रास्फीति में आ रही कमी

भारत, खास करके ग्रामीण इलाकों, में उपभोग के तरीकों में बदलाव के साथ-साथ लोगों के रहने के तौर-तरीकों में भी लगातार परिवर्तन आ रहा है। जीवनयापन को बेहतर बनाने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों एवं सेवाओं की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2016 से ग्रामीण इलाकों में विवेकाधीन उपभोग में गिरावट की प्रवृति देखी जा रही है। इसका संभावित कारण बड़ी-बड़ी विनिर्माण या

उम्मीद जगाती है योगी सरकार की औद्योगिक नीति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास का कारगर रोडमैप तैयार किया है। इसके प्रति निवेशकों ने उत्साह दिखाया है। इसमें संदेह नहीं कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास की दौड़ में बहुत पीछे रह गया। अब ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्थिति में सुधार का बीड़ा उठाया है। उनकी सरकार ने एक साथ कई मोर्चे पर कार्य शुरू किया है। योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी निगरानी में